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पीएम नरेंद्र मोदी बर्थडे स्पेशल Photograph: (NN)
‘मोदी हैं तो मुमकिन है..’ 2019 में दूसरे टर्म के लिए चुनाव में जाने से पहले राजस्थान के टोंक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक जनसभा को संबोधित किया था. इस जनसभा में मोदी ने कहा था- ‘मौजूदा सरकार द्वारा पिछले चार सालों के दौरान किए गए कामों के कारण जनता का उसमें विश्वास है. लोग जानते हैं कि मोदी है तो मुमकिन है.’ बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए ने ये चुनाव तो जीता ही, तीसरे टर्म में भी जनता ने इस नारे पर भरोसा किया.
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 75वीं जन्मदिन की वर्षगांठ है. 17 सितंबर 1950 को गुजरात में जन्मे मोदी लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री हैं. केंद्र सरकार इस समय ‘सेवा पर्व’ नाम से उत्सव मना रही है. तो चलिए मोदी की लोकप्रियता को इसी नारे से समझते हैं. मोदी की उन योजनाओं को समझते हैं, जिसने देश की 140 करोड़ लोगों की दिनचर्या में उन्हें जोड़ दिया.
भारत को स्वच्छ बनाने का मिशन
प्रधानमंत्री बनने के बाद जब मोदी ने 15 अगस्त 2014 को लालकिले से पहली बार देश को संबोधित किया, तो कोई सोच भी नहीं सकता था कि वो इस मौके पर शहरों और गांवों की स्वच्छता का मुद्दा उठाएंगे. इसके अलावा, ये भी लोगों की कल्पना से परे था कि देश में स्वच्छता का ऐसा मिशन भी चलेगा, जिससे देश की जनता सुबह-सुबह की चाय की प्याली के साथ ही जुड़ जाएगी.
लेकिन ये प्रधानमंत्री मोदी की देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को समर्पित एक मुहिम थी, जो 2 अक्टूबर 2014 से शुरू हुई. इस मिशन को सफल बनाने के लिए पूरे देश को जगाना था और देश की सिविक एजेंसियों को भी जगाना था. शहरी लोगों की गलियों में गंदगी फैलाने से रोकना था, तो ग्रामीणों को खुले में शौच करने से रोकना था.
इस मिशन ने पब्लिक की सोच को बदला. दूसरी तरफ, सरकार की तरफ से देशभर में मिशन चलाया गया. सरकारी आंकड़े बताते हैं कि पिछले 11 वर्षों में 12 करोड़ से ज्यादा घरों को शौचालय उपलब्ध कराए गए. 6 लाख गांवों में खुले में शौच की प्रथा पर पूर्ण विराम लग गया. 2026 तक शहरों को कूड़ा मुक्त करने की योजना है. दरअसल स्वच्छता सीधे स्वास्थ्य से भी जुड़ा है. यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया और ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी की एक रिपोर्ट बताती है कि इससे भारत में प्रतिवर्ष 70 हजार मौतों को रोका जा सका है.
पब्लिक के स्वास्थ्य की चिंता
पब्लिक के स्वास्थ्य की चिंता ने भी मोदी को घर-घर तक पहुंचाया. मोदी के दूसरे टर्म से पहले 22 सितंबर 2018 को आयुष्मान भारत योजना लांच की गई. यह योजना मील का पत्थर साबित हुई. PM-JAY के नाम से लोकप्रिय हुई यह योजना, गवर्नमेंट के फंड पर चलने वाली दुनिया की सबसे बड़ी जन स्वास्थ्य सुरक्षा योजना बन गई है, जो प्रति परिवार सालाना 5 लाख रुपये तक का कवरेज प्रदान करती है.
सरकार का दावा है कि 7 करोड़ से अधिक लोगों को अस्पताल में फ्री में एडमिट होने की सुविधा है. अस्पताल का खर्च भी इस योजना ने काफी कम किया है. जरूरी सर्जरी और उपचार तक जनता की पहुंच बढ़ाई है.
प्रधानमंत्री ने अपने 75वें जन्मदिन पर मध्य प्रदेश के धार में जन स्वास्थ्य मिशन को एक कदम और आगे बढ़ाया. मोदी ने स्वस्थ नारी सशक्त परिवार की शुरुआत की. इस अभियान में महिलाओं के लिए स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जाएगा और फ्री इलाज किया जाएगा. जनता के लिए की जाने वाली ऐसी पहल, एक लीडर को एक गार्जियन बनाती है. सीधे घरों से कनेक्ट करती है, जो मोदी के हर कार्यकाल में दिखता है.
दुनिया के यूपीआई युग का आगाज़
भारत का UPI अब दुनिया की नंबर एक रीयल-टाइम भुगतान प्रणाली है और कुछ आंकड़े यह बताते हैं कि भारत की यह कितनी बड़ी उपलब्धि है, जिसने धन के लेन-देन का तरीका ही बदल दिया. आज भारत में 85% डिजिटल लेनदेन UPI के जरिये ही हो रहा है, जबकि लगभग 50% वैश्विक डिजिटल भुगतान का भी यही माध्यम है. जुलाई 2025 में केवल एक महीने में UPI का उपयोग करके 25.8 लाख करोड़ रुपये का लेन-देन किया गया.
डिजिटल इंडिया अभियान में AI की एंट्री
भारत के डिजिटल इंडिया अभियान में अब Artificial Intelligence यानी AI की एंट्री ने इसे और भी मज़बूत और आधुनिक बना दिया है. सरकार और निजी क्षेत्र दोनों ही इस दिशा में तेज़ी से काम कर रहे हैं. भारत अब “AI for All” के विज़न के साथ आगे बढ़ रहा है.
डिजिटल इंडिया अभियान ने देश की तस्वीर और तकदीर बदलने का काम किया है, लेकिन विकास का ये सफर यहीं रुका नहीं है. पीएम मोदी ने घोषणा की है कि अगले 10 साल और भी अधिक परिवर्तनकारी होंगे. उन्होंने इनोवेटर्स और उद्यमियों से ऐसी तकनीक बनाने का आह्वान किया जो लोगों की मदद करे और भारत को डिजिटल दुनिया में एक विश्वसनीय वैश्विक भागीदार बनाए.
ये वो चंद उदाहरण है, जो मोदी को जनता से जोड़ती है, जनता का नेता बनाती है. प्रधानमंत्री के तौर पर अगर उनके कार्यकाल पर नजर डालें तो ऐसी कितनी ही योजनाएं हैं, जो मील का पत्थर साबित हुई हैं, जिन्होंने आम लोगों के जीवन को सुविधाजनक बनाया है.
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