PM Modi 75th Birthday: प्रधानमंत्री ने कहा कि जैसे महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता संग्राम को जन आंदोलन बना दिया था, वैसे ही विकास को भी जन भागीदारी से जोड़ना होगा.
नई दिल्ली: न्यूज नेशन नेटवर्क के खास कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के विकास, शासन के अपने अनुभव और आने वाले लक्ष्यों पर खुलकर बातचीत की. उन्होंने कहा कि भारत ने बीते 10 वर्षों में जिस गति से तरक्की की है, उसी भरोसे के साथ अब 2047 तक विकसित भारत बनने की दिशा में देश आगे बढ़ रहा है.
जन आंदोलन से विकास की ताकत
प्रधानमंत्री ने कहा कि जैसे महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता संग्राम को जन आंदोलन बना दिया था, वैसे ही विकास को भी जन भागीदारी से जोड़ना होगा. उन्होंने कहा – 'जब जनता खुद मालिकाना हक लेकर आगे बढ़ती है, तो सरकार और राजनीतिक नेतृत्व एक उत्प्रेरक (कैटेलिस्ट) की तरह काम करता है. यही भारत के बदलते स्वरूप की असली ताकत है.'
केंद्र और राज्य का अनुभव
मोदी ने अपने लंबे राजनीतिक अनुभव का जिक्र करते हुए कहा कि वह ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने राज्य और केंद्र दोनों स्तर पर काम किया है. यही वजह है कि वह न सिर्फ दिल्ली, बल्कि बंगाल, आंध्र प्रदेश या पंजाब जैसे राज्यों की चुनौतियों को भी भली-भांति समझते हैं. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार 'लास्ट माइल डिलीवरी' पर जोर देती है ताकि योजनाओं का लाभ सीधे जनता तक पहुंचे.
पीएसयू में बदलाव की कहानी
प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (PSU) में आए बदलाव का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि पहले इन कंपनियों को घाटे और कुप्रबंधन का प्रतीक माना जाता था, लेकिन अब रिकॉर्ड मुनाफे और बढ़ते शेयर मार्केट वैल्यू ने हालात बदल दिए हैं. HAL (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 2019 में जिसके बंद होने की अफवाहें फैलाई गईं, वही कंपनी आज अपने इतिहास का सबसे ज्यादा मुनाफा दर्ज कर रही है.
छवि बदलता भारत
मोदी ने कहा कि उनका उद्देश्य भारत की छवि सुधारना नहीं, बल्कि देशवासियों के जीवन को बेहतर बनाना है. उन्होंने कहा – 'मैं देश के लिए काम करता हूं. जब नागरिकों का जीवन बेहतर होगा, तो भारत की छवि अपने आप बदल जाएगी.' उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि आज भारत मदद मांगने वाला देश नहीं रहा, बल्कि कोरोना महामारी के दौरान वैक्सीन और दवाइयां दुनिया को देने वाला देश बन चुका है.
प्रकृति से जुड़ाव और व्यक्तिगत जीवनशैली
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री का वह पहलू भी सामने आया, जो आमतौर पर कम दिखता है. चाहे केदारनाथ की गुफा में साधना हो, समुद्र की गहराई में द्वारका के अवशेषों को छूना हो या कच्छ के रेगिस्तान में रात बिताना – मोदी ने बताया कि प्रकृति से उन्हें हमेशा नई ऊर्जा और विस्तार की अनुभूति होती है.
इंटरव्यू के अंत में प्रधानमंत्री ने जोर दिया कि आत्मविश्वास और जनभागीदारी ही भारत की सबसे बड़ी ताकत है. उन्होंने कहा – 'अगर 11वीं अर्थव्यवस्था से भारत 10 साल में 5वीं अर्थव्यवस्था बन सकता है, तो 3वीं अर्थव्यवस्था बनना और 2047 तक विकसित भारत बनना बिल्कुल संभव है.'
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