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Modi@75: नरेन्द्र मोदी भारतीय राजनीति के वो चमकते सितारे हैं, जिनकी चमक दिन ब दिन बढ़ती जा रही है, गुजरात के एक छोटे से कस्बे वडनगर का नरेन्द्र आज सत्ता के शिखर पर बैठा है, तो इसके पीछे उनकी लगन, उनकी तपस्या और उनकी कठिन मेहनत है. 75 वर्ष होने पर भी मोदी की ऊर्जा दूसरों से अलग नजर आती है, 18 घंटे मेहनत करना उनकी पहचान है, उनके माथे पर कभी थकान की शिकन नहीं दिखती. उनके चेहरे पर कभी ऊर्जा की कमी नहीं नजर आती. 12 महीने 24 घंटे काम करने वाले पीएम मोदी हर किसी के लिए एक प्रेरणा जैसे हैं.
पब्लिक कनेक्शन सबसे बड़ी ताकत
प्रधानमंत्री मोदी की सबसे बड़ी ताकत उनका पब्लिक कनेक्ट है. वो जहां भी जाते हैं, उसी के रंग में घुल मिल जाते हैं. वो लोगों से ऐसे मिलते हैं, जैसे वो अपने परिवारवालों से मिल रहे हों. पीएम मोदी की सबसे बड़ी खासियत ये है कि वो लोगों को नाम से बुलाते हैं..जिससे उनका अपनापन झलकता है.
प्रधानमंत्री मोदी बेहतरीन कम्यूनिकेटर हैं, वो अपने बॉडी लैंग्वेज, भाव भंगिमा, शब्दावली, वाक चातुर्य से जो करते हैं, शायद वो कोई नहीं कर पाता. मोदी सही मायने में संवाद के महारथी हैं. वे जनसभाओं के नायक हैं, उनकी फैन फॉलोइंग गजब की है. सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक जीवन तक उनके आगे पीछे दूर दूर तक कोई नहीं है.
हर दिन बढ़ रही करिश्मे की चमक
राजनीति में इतने वर्षों बाद भी प्रधानमंत्री मोदी का जलवा बरकरार है, सिर्फ जलवा ही बरकरार नहीं है, बल्कि उनके करिश्मे की चमक हर दिन बढ़ती ही जा रही है, मोदी बड़े डिसीजनमेकर हैं, नोटबंदी का फैसला हो, या फिर पाकिस्तान पर हमले का, मोदी बोल्ड फैसलों के लिए जाने जाते हैं. मोदी अमेरिका को भी झुकाना जानते हैं, मोदी चीन को भी घुटने पर लाना जानते हैं. पुतिन हो या फिर जेलेंस्की...दोनों से मोदी बात करते हैं, दोनों मोदी से हर मामला शेयर करते हैं.
मुश्किल हालातों में मैदान मारने का हौसला
मोदी मुश्किल से मुश्किल हालात में भी मैदान मार लेने का हौसला रखते हैं. वो आखिरी दिन तक चुनाव का रुख मोड़ने का माद्दा रखते हैं. वो बिना किसी डाउट के सबसे पॉपुलर लीडर हैं, मोदी के आसपास भी कोई दूसरा नेता नजर नहीं आता, एक सर्वे के मुताबिक नरेन्द्र मोदी 52फीसदी हिंदुस्तानियों की फर्स्ट च्वाइस हैं.
24 साल का शानदार सियासी सफर
26 मई 2014 जब नरेन्द्र मोदी ने भारत के 15वें प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली, तब से 4 हजार से ज्यादा दिन गुजर चुके हैं, इतने दिनों में सैंकड़ों सर्वे हुए, 50 बार से ज्यादा राज्यों के चुनाव हुए, हर चुनावों के साथ नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता बढ़ती ही गई. इतना ही नहीं 2001 से ही देखें तो पिछले 24 साल के सियासी इतिहास पर नजर डालें तो मोदी एक भी चुनाव नहीं हारे. वो जहां भी चुनाव प्रचार के लिए उतरे सियासी हवा बदल कर रख दी. मोदी ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जो कभी सांसद नहीं बने थे, मोदी की पहचान है कि वो अपनी बातों से देश का भरोसा जगाने का काम करते हैं.
मोदी की शख्सियत की सबसे बड़ी बात ये है कि वो एक हंबल बैकग्राउंड से आते हैं, सामान्य से भी गरीब परिवार, पिता चाय बेंचते थे, मां घरों में काम करती थीं, बावजूद मोदी ने उस संगठन को ज्वाइन किया, जिसकी पहचान उत्तर भारत की पार्टी के तौर पर जानी जाती थी, जिसे दक्षिण और पूर्वोत्तर में कोई नहीं जाता था. अब वो मोदी के करिश्मे की वजह से पूरे हिंदुस्तान में छा चुकी हैं.
पूरे देश का एक ही चेहरा है, वो हैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और इसके पीछे की वजह है मोदी का पब्लिक कनेक्ट, मोदी का देश भर में दौरा.. मोदी का आम लोगों से जन संवाद. मोदी को जानने वाले कहते हैं कि वो लक्ष्य तय करते हैं और उसे पूरा करने के लिए पूरी ताकत झोंक देते हैं.
मोदी से सीखने वाली बातें
प्रधानमंत्री होने के बाद भी वह खुद को पार्टी का कार्यकर्ता मानते हैं. अभी हाल में ही लोगों ने वो तस्वीर भी देखी जब वो बीजेपी सांसदों की कार्यशाला में आखिरी पंक्ति पर बैठे हुए नजर आए, इसीलिए शायद मोदी महीने में एक बार देश की जनता के साथ राजनीतिक बात नहीं बल्कि मन की बात करते हैं, जिसमें वो सफाई, खेल जैसे मुद्दों को लोगों से सीधे कनेक्ट करते हैं. उनका संवाद दिलों को जोड़ता है, आसमान पर पहुंचने के बाद भी मोदी जमीन को कभी नहीं भूलते हैं.
अपना काम ईमानदारी से करना, दिन रात मेहनत करना, लक्ष्य को हर हाल में हासिल करना, हर वक्त पॉजिटिव रहना, अपनेपन के अंदाज से लोगों से मिलना.. सरल अंदाज, लोगों को ध्यान से सुनना..ये वो विशेषताएं हैं, जो हर किसी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सीखना चाहिए.
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