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माल्या के बाद अब रोया मेहुल चोकसी, बोला भारत सरकार ने खत्म कर दिया मेरा कारोबार

विजय माल्या भी कह चुका है कि मोदी सरकार ने कर्ज से ज्यादा उसकी संपत्ति अटैच कर ली

Updated on: 28 Mar 2019, 08:43 AM

नई दिल्ली:

पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के सह आरोपी मेहुल चोकसी ने भारत सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. चोकसी ने कहा है कि भारत सरकार ने उसके 12,000 करोड़ रुपये के कारोबार खत्म कर दिया. चोकसी ने कहा कि बैंक स्टेटमेंट्स यह साबित करते हैं कि पिछले 25 साल में गीतांजलि जेम्स ने कर्ज को चुकाने में कोई भी गड़बड़ी नहीं की. उसने कहा कि उसकी कंपनी को 6,000 करोड़ रुपये को कर्ज का एक्सपोजर दिया जा सकता था. चोकसी ने कहा कि उसकी कंपनी की वैल्यु उस समय 12,000 करोड़ रुपये से ज्यादा थी.

गौरतलब है कि पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में 13,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला हुआ था जिसमें मेहुल चोकसी सह आरोपी है. हालांकि चोकसी ने दावा किया है कि भारत सरकार के पास उसके खिलाफ कोई भी सबूत नहीं है. भारत सरकार ने इसके बावजूद उसके कारोबार को तहस नहस कर दिया. चोकसी के वकील ने उसकी तरफ से यह बयान जारी किया है. बयान के मुताबिक केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जब चोकसी के खिलाफ मामला दर्ज किया था. उस समय वो अमेरिका में था और उस दौरान अमेरिका में ही उसकी सर्जरी हो रही थी. हालांकि चोकसी ने आरोप लगाया कि उसकी अनुपस्थिति में जांच एजेंसियों ने इसी समय उसके घर और ऑफिस पर छापेमारी की थी.

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चोकसी ने इससे पहले भी एक बयान में कहा था कि उसके कारोबार को निशाना बनाकर तबाह किया गया. चोकसी के वकील के मुताबिक उनके मुवक्किल ने 25 साल की कड़ी मेहनत के बाद 12,000 करोड़ रुपये का कारोबीर साम्राज्य खड़ा किया था. उसने कहा कि नक्षत्र, गिन्नी, असमी और गीतांजलि जैसे ब्रांड्स की पहुंच हर घर में थी. वकील ने बताया कि ज्वैलरी के कारोबार में चोकसी ने अपना एक अलग मुकाम बना लिया था.वकील के मुताबिक हमारे ब्रांड को निशाना बनाकर पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने खुदको बचाने और लोगों का ध्यान भटकाने के लिए हमारे ब्रांड को दोषी बना दिया.

चोकसी के वकील के मुताबिक छापेमारी के दौरान चोकसी की सर्जरी हुई थी और वे कॉर्डियक ऑपरेशन का सामना कर रहे थे. चोकसी के वकील ने कहा कि जांच एजेंसियों ने मेहुल चोकसी द्वारा 1995 में बैंक में जमा किए गए दस्तावेज के आधार पर छापेमारी की.चोकसी के वकील का कहना है कि चोकसी की ओर से कई बार यह बताया गया कि बैंक केवाईसी (KYC) की डिटेल्स को सही कर ले. बयान के मुताबिक जांच एजेंसियों की कार्रवाई के दौरान चोकसी किसी भी कंपनी के हिस्सेदार नहीं थे. चोकसी ने सन 2000 में ही सभी कंपनियों से अलग हो गए थे. 

चोकसी ने कहा कि पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के अधिकारियों ने उससे कहा था कि इस मामले को आपसी सहमति से सुलझाया जा सकता है. मेहुल चोकसी ने दावा किया कि PNB के अधिकारी कागजात सही करने के अनुरोध को बार-बार टालते गए. बैंक ने पुराने केवाईसी को आधार बनाकर उस पर आरोप लगाया है बयान के मुताबिक PNB के अधिकारियों ने खुद को बचाने के लिए ऐसे आरोप लगाए हैं.यह PNB की गलती है कि उन्होंने समय से अपने मुख्य सिस्टम में प्रमुख दस्तावेजों को अपडेट नहीं किया. चोकसी ने दावा किया है कि उसने PNB को केवाईसी (KYC) को अपडेट करने के लिए तो लिखा ही. साथ ही नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) को भी 7 फरवरी 2018 को इस बारे में सूचित किया गया था.