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अंतरिम वित्तीय बजट नहीं मिलने की वजह से जेट एयरवेज ने फिर अंतर्राष्ट्रीय उड़ान रद्द की

वित्तीय संकट से गुजर रही कंपनी को विमानों के परिचालन के लिए अंतरिम वित्तीय मदद नहीं मिलने की वजह से अब जेट एयरवेज ने 18 अप्रैल तक अपनी सभी अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को रद्द कर दिया है

Updated on: 15 Apr 2019, 08:47 PM

नई दिल्ली:

जेट एयरवेज की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. वित्तीय संकट से गुजर रही कंपनी को विमानों के परिचालन के लिए अंतरिम वित्तीय मदद नहीं मिलने की वजह से अब जेट एयरवेज ने 18 अप्रैल तक अपनी सभी अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को रद्द कर दिया है. कंपनी की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि विमान के ऑपरेशन को बनाए रखने के लिए हम कर्ज देने वाले बैंकों के साथ काम कर रहे हैं. अभी तक इसमें सफलता नहीं मिलने की वजह से अंतर्राष्ट्रीय उड़ान को 18 मार्च तक के लिए रद्द कर दिया गया है. इससे पहले जेट एयरवेज ने 15 अप्रैल तक विदेशी उड़ानों को रद्द रखने का फैसला किया था.

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, एयरलाइन इस समय सिर्फ 14 विमानों का परिचालन कर रही है, जबकि पिछले सप्ताह कंपनी के परिचालन में 26 विमान थे. हाल तक एयरलाइन 26 विमानों का परिचालन करती थी जिनमें लंदन, टोरंटो, सिंगापुर, एम्स्टर्डम, पेरिस, बैंकॉक और घरेलू क्षेत्र में मुंबई-दिल्ली व अन्य जगहों की उड़ानों के के लिए एयरबस ए-330, बोइंग-777, 737-800 और एटीआर शामिल थे.

इन 26 विमानों में से कंपनी के पास 16 विमान हैं. जेट एयरवेज गंभीर नकदी संकट से जूझ रही है जिसके कारण इसका परिचालन प्रभावित हुआ है और कई विमान परिचालन से बाहर हो गए हैं.

जेय एयरवेज के पायलटों ने पीएम मोदी से लगाई गुहार

आर्थिक संकटों से जूझ रही विमानन कंपनी जेट एयरवेज के पायलटों के संगठन ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 20 हजार लोगों की नौकरियां बचाने की अपील की है. साथ ही संगठन ने भारतीय स्टेट बैंक से 1,500 करोड़ रुपये जारी करने की भी अपील की है. कंपनी को दोबारा कर्ज देने की पिछले महीने की योजना के तहत भारतीय स्टेट बैंक को जेट एयरवेज में 1,500 करोड़ रुपये लगाने हैं.

नेशनल एविएटर्स गिल्ड के उपाध्यक्ष आदिम वालियानी ने कंपनी के मुख्यालय सिरोया सेंटर में बताया कि वह कंपनी का परिचालन जारी रखने के लिये भारतीय स्टेट बैंक से 1,500 करोड़ रुपये जारी करने की अपील कर रहे हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी अपील करते हुए कहा कि वे कंपनी में काम कर रहे 20 हजार लोगों की नौकरियां बचायें. इससे पहले कंपनी के पायलट, इंजीनियर और केबिन क्रू के सदस्य एकजुटता दिखाने के लिये मुख्यालय में जमा हुए. आपको बता दें कि कंपनी ने पायलटों, इंजीनियरों और वरिष्ठ कर्मियों को दिसंबर 2018 के बाद से वेतन नहीं दिया है. कंपनी मार्च महीने में कुछ अन्य श्रेणियों के कर्मचारियों को भी वेतन नहीं दे पाई.