logo-image

ऑनलाइन सामान की एक्सक्लुसिव बिक्री पर रोक, जानिए सरकार ने किन नियमों में किया बदलाव

केंद्र सरकार ने ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए नियमों को सख्त करते हुए कहा है कि जिस कंपनी में खुद की हिस्सेदारी है उसका प्रोडक्ट नहीं बेच सकते हैं.

Updated on: 26 Dec 2018, 10:46 PM

नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए नियमों को सख्त करते हुए कहा है कि जिस कंपनी में खुद की हिस्सेदारी है वे उसका प्रोडक्ट नहीं बेच सकते हैं. सरकार के इस कदम से भारत में व्यापार कर रहे दो बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों फ्लिपकार्ट और अमेजन पर बड़ा असर पड़ सकता है. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने इसके साथ ही किसी सामान की एक्सक्लुसिव बिक्री के लिए करार पर रोक लगा दी है.

मंत्रालय ने कहा कि, 'कोई भी ई-कॉमर्स कंपनी द्वारा उनकी साझेदारी/हिस्सेदारी वाली कंपनियां या उनकी समूह की कंपनियों या उनकी नियंत्रण वाली कंपनियों के प्रोडक्ट्स को अपने ऑनलाइन प्लैटफॉर्म पर नहीं बेच सकेगी.'

इसके अलावा ई-कॉमर्स में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की संशोधित नीति पर मंत्रालय के नोटिफिकेशन के मुताबिक, खरीददारों को ई-कॉमर्स कंपनियों के द्वारा दिया जाने वाला कैश बैक ज्यादा पारदर्शी और गैरभेदभावपूर्ण होना चाहिए. बयान में कहा कि इन सेवाओं में फुलफिलमेंट, लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग, विज्ञापन, विपणन, भुगतान और वित्त पोषण समेत अन्य शामिल है.

मंत्रालय ने आगे कहा कि ऑनलाइन रिटेल कंपनियां प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों को प्रभावित नहीं कर सकती है और उन्हें अपने प्लेटफार्म पर लेबल प्लेइंग फील्ड (हर किसी को उचित मौका देना) बरकरार रखना होगा.

और पढ़ें : Year Ender 2018 : बैंक जितना भी फायदा नहीं दे पाए म्‍युचुअल फंड, जानें क्‍यों

इसके अलावा ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं को हर साल 30 सितंबर तक भारतीय रिजर्व बैंक को वैधानिक लेखा परीक्षक की रिपोर्ट के साथ पिछले वित्त वर्ष में दिशा निर्देशों के पालन करने की पुष्टि करनेवाले प्रमाण पत्र को दाखिल करना होगा.

मंत्रालय के मुताबिक, ये सभी बदलाव 1 फरवरी 2019 से लागू हो जाएंगे. फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा ग्राहकों दिए जाने वाले भारी छूट पर घरेलू व्यापारियों की कई शिकायतों को देखते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया है. मौजूदा नीति के मुताबिक, ई-कॉमर्स चलाने वाली कंपनियों में सरकार ने 100 फीसदी एफडीआई को मंजूरी दी हुई है.