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मुंबई, 21 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय शेयर बाजार के लिए आने वाला हफ्ता काफी अहम होगा। जीएसटी 2.0, एच-1बी वीजा, भारत-यूएस ट्रेड डील और एफआईआई डेटा बाजार की चाल को प्रभावित करेंगे।
वस्तु एवं सेव कर (जीएसटी) का नया फ्रेमवर्क 22 सितंबर से लागू हो रहा है। इसके तहत मौजूदा टैक्स स्लैब की संख्या चार - 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत से घटकर दो - 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत रह जाएगी। इसके साथ ही सरकार ने कई चीजों पर टैक्स काफी कम किया है, जिसका फायदा भी इसी दिन से आम लोगों को मिलना शुरू हो जाएगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से एच- 1बी वीजा की फीस को बढ़ाकर एक लाख डॉलर कर दिया गया है। एच-बी वीजा पर बड़ी संख्या में भारतीय अमेरिका में काम करते हैं। इससे वहां की टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री के भी बड़े पैमाने पर प्रभावित होने की संभावना है। हालांकि, ट्रंप प्रशासन ने स्पष्ट किया है। यह फीस केवल वन टाइम होगी और नए एच-1बी वीजा पर लागू होगी।
भारत-अमेरिका ट्रेड डील को लेकर अगले हफ्ते आने वाले किसी भी अपडेट का असर बाजार पर देखने को मिल सकता है। व्यापार वार्ता के लिए अमेरिकी प्रतिनिधि मंडल भारत आया हुआ है। वहीं, सरकार की ओर से भी स्पष्ट किया जा चुका है कि दोनों देशों के बीच बातचीत एक सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रही है।
बीता हफ्ता भारतीय शेयर बाजार ने सकारात्मक रिटर्न दिया। इस दौरान निफ्टी 0.85 प्रतिशत बढ़कर 25,327.05 और सेंसेक्स 721.53 अंक या 0.88 प्रतिशत की मजबूती के साथ 82,626.23 पर था।
15-19 सितंबर तक के कारोबारी सत्र में निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स 4.83 प्रतिशत की बढ़त के साथ शीर्ष पर था। इसके अलावा निफ्टी रियल्टी ने 4.43 प्रतिशत, निफ्टी एनर्जी ने 2.31 प्रतिशत, निफ्टी पीएसई ने 2.19 प्रतिशत और निफ्टी सर्विसेज ने 0.95 प्रतिशत का रिटर्न दिया।
बीते हफ्ते विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 1,327.38 करोड़ रुपए की इक्विटी में बिकवाली की, जो कि पिछले कई कारोबारी हफ्तों में एफआईआई की बिकवाली का सबसे निचला स्तर है। घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने इक्विटी में निवेश जारी रखा और 11,177.37 करोड़ रुपए का निवेश किया।
--आईएएनएस
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