मुंबई, 8 जुलाई (आईएएनएस)। महाराष्ट्र में मराठी बनाम हिंदी भाषा को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। राज ठाकरे के समर्थकों द्वारा गैर-मराठी भाषियों की पिटाई के बीच महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने मंगलवार को विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री उदय सामंत ने कहा कि विरोध प्रदर्शन की अनुमति देना पुलिस और प्रशासन की जिम्मेदारी है।
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री उदय सामंत ने मनसे के विरोध प्रदर्शन पर मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, यह प्रशासन का मामला है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में अगर कोई विरोध प्रदर्शन कर रहा है तो उसे अनुमति देना या न देना पुलिस प्रशासन की जिम्मेदारी है। मुझे पूरा भरोसा है कि पुलिस प्रशासन इस मामले में कोई अन्याय नहीं करेगा।
कुणाल कामरा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस जारी होने पर उदय सामंत ने कहा, हमारे पास एक हस्तक्षेप समिति है, जिसका काम विधानसभा के नियमों और विनियमों के आधार पर काम करना है। हमें उनके काम में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है। अगर कुणाल कामरा ने कुछ किया है और उन्हें नोटिस जारी किया गया है, तो यह उनका मामला है।
बता दें कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने राज्य सरकार पर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि उन्हें मुंबई में विरोध प्रदर्शन करने नहीं दिया जा रहा है। इस मुद्दे को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गई है।
इस बीच महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कई कार्यकर्ताओं को मंगलवार को ठाणे के मीरा रोड पर हिरासत में लिया गया है। वे मुंबई के थप्पड़ कांड के विरोध में मार्च निकाल रहे थे। इस कांड में मनसे कार्यकर्ताओं ने मराठी न बोलने पर एक फूड स्टॉल मालिक पर हमला किया था। शनिवार को मुंबई के वर्ली में स्थित शेयर बाजार निवेशक के कार्यालय पर भी हमला किया गया था। निवेशक ने सार्वजनिक रूप से मराठी बोलने से इनकार कर दिया था और राज ठाकरे को कार्रवाई करने की चुनौती दी थी, जिसके बाद मनसे कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा करते हुए तोड़फोड़ की थी।
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