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बाबरी विवाद में फैसला हक में आए तो हिंदुओं को जमीन सौंप दे मुस्लिम: शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे सादिक

राम जन्मभूमि विवाद पर शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे सादिक ने कहा कि अगर बाबरी मस्जिद पर फैसला मुसलमानों के हक में ना हो तो उसे शांतिपूर्वक स्वीकार करना चाहिए और अगर फैसला हक में हो तो भी उस जमीन को खुशी-खुशी हिंदुओं को दे देना चाहिए।

Updated on: 13 Aug 2017, 06:24 PM

नई दिल्ली:

मुस्लिमों के शिया समुदाय के धार्मिक गुरु कल्बे सादिक ने मुंबई में आयोजित 'वर्ल्ड पीस एंड हार्मनी कॉन्क्लेव' में बड़ा बयान दिया है। 

शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे सादिक ने राम जन्मभूमि विवाद पर कहा, 'अगर बाबरी मस्जिद पर फैसला मुसलमानों के हक में ना हो तो उसे शांतिपूर्वक स्वीकार करना चाहिए और अगर फैसला हक में हो तो भी उस जमीन को खुशी-खुशी हिंदुओं को दे देना चाहिए।'

कल्बे सादिक ने कहा कि हमें जमीन जीतने के बजाय दिल जीतना चाहिए।

इस मौके पर केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि मौलाना साहब ने दिल जीत लिया। उन्होंने कहा कि भगवान राम ना हिन्दू थे ना मुस्लिम, वह तो भारत की आत्मा हैं।

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कार्यक्रम में बाबा रामदेव के अलावा कई अन्य हस्तियां भी मौजूद थी। बाबा रामदेव ने भारत-चीन सीमा विवाद का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि चीन शांति में विश्वास नहीं रखता अगर ऐसा होता तो दलाई लामा भारत में नहीं होते।

रामदेव ने कहा कि हम योग की भाषा में बात करते हैं लेकिन अगर किसी को यह भाषा नहीं समझ आती तो उसे युद्ध की भाषा में जवाब देना भी हमें आता है।

अपने संबोधन के दौरान दलाई लामा ने कहा, 'डर जलन पैदा करता है, जलन क्रोध पैदा करता है और क्रोध हिंसा के लिये प्रेरित करता है।

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इस दौरान दलाई लामा ने बाबा रामदेव को अपने पास बुलाकर उनकी दाढ़ी पकड़ ली। साथ ही बाबा रामदेव ने भी मंच पर अपनी योग कला का प्रदर्शन किया।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों को गिनाया। साथ ही उन्होंने कहा कि दुनिया यह समझ चुकी है कि आतंकवाद और हिंसक विचार कितने खतरनाक साबित हो सकते हैं।

कार्यक्रम में जैन धर्म गुरु लोकेश मुनि, संस्कृति मंत्री महेश शर्मा के अलावा कई अन्य गणमान्य लोग भी मौजूद थे।

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