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BMC चुनाव: शिवसेना-बीजेपी क्या फिर मिलाएंगी हाथ? बहुमत से दोनों पार्टियां दूर

बीएमसी के परिणाम आ चुके हैं। लेकिन अब बड़ा सवाल है कि बीएमसी पर किसका कब्जा होगा। शिवसेना, बीजेपी, एनसीपी, कांग्रेस में किसी को भी पूर्ण बहुमत नहीं मिला है।

Updated on: 23 Feb 2017, 09:18 PM

highlights

  • बीएमसी चुनाव में किसी पार्टी को बहुमत नहीं, शिवसेना 84 तो बीजेपी 81 सीटों पर जीती
  • कांग्रेस को भारी नुकसान, 31 सीटों पर जीती, बीएमसी में बहुमत के लिए चाहिए 114 सीट

नई दिल्ली:

बृहनमुंबई नगर निगम (बीएमसी) के परिणाम आ चुके हैं। लेकिन अब बड़ा सवाल है कि बीएमसी पर किसका कब्जा होगा। शिवसेना, बीजेपी, एनसीपी, कांग्रेस में किसी को भी पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। शिवसेना 84 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है जबकि 81 सीटों के साथ बीजेपी दूसरे नंबर पर है वहीं कांग्रेस 31 सीटों पर सफलता हासिल की है।

कांग्रेस को इस चुनाव में भारी नुकसान हुआ है। कांग्रेस 2012 के चुनाव में 52 सीटें जीती थी। एनसीपी 9, एमएनएस 7 और अन्य 11 सीटें जीती है। जबकि 2012 के चुनाव में एनसीपी को 13, एमएनएस को 28 तो अन्य ने 13 सीटों पर सफलता हासिल की थी।

बीएमसी में 227 सीट है और पार्टियों को बहुमत के लिए 114 सीटों की जरूरत है। बीजेपी और शिवसेना पिछले 25 सालों में पहली बार अलग होकर बीएमसी चुनाव लड़ी। फिलहाल बीएमसी पर बीजेपी-शिवसेना गठबंधन का कब्जा है। लेकिन चुनाव से पहले दोनों पार्टियों में दूरी काफी बढ़ गई और दोनों ने ये चुनाव अलग-अलग लड़ा।

शिवसेना भले ही सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी हो लेकिन 2012 के चुनाव के मुकाबले उसे महज 9 सीटों का ही फायदा हुआ है। 2012 में शिवसेना की 75 सीटें थी और इस बार वो 84 सीटें ही जीती है।

जबकि बीजेपी ने इन चुनावों में अपनी सीटों में लगभग तिगुना इजाफा किया है। बीजेपी को 81 सीटें मिली हैं। 2012 में बीजेपी के पास 31 सीटें थी। और शिवसेना-बीजेपी ने मिलकर निर्दलियों की मदद से बीएमसी पर कब्जा जमाया था। साफ था की बड़े भाई की भूमिका में शिवसेना थी। लेकिन इसबार बीजेपी के खाते में उम्मीद से तिगुनी सीटें मिली है।

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मुंबई बीजेपी अध्यक्ष आशीष शेलार ने दावा किया है कि 4 अन्य पार्षद पार्टी का समर्थन करेंगे। यानी की बीजेपी शिवसेना से एक सीट आगे है। ऐसे में गेम पलट सकता है और बीजेपी बड़े भाई की भूमिका में आ सकती है। तो क्या शिवसेना और बीजेपी फिर हाथ मिलाएंगे? ऐसे में राज ठाकरे की पार्टी एमएनएस का रोल भी महत्वपूर्ण हो जाता है। राज ठाकरे की कोशिश यही होगी की वो भी बीएमसी को चलाने में शामिल हो।

बीजेपी सांसद किरीट सोमया ने शिवसेना से गठबंधन के संकेत देते हुए कहा, 'बीजेपी का प्रदर्शन अच्छा रहा, मुंबई ने विकास, पारदर्शिता को चुना, इस पथ पर मित्र पक्ष को साथ लेकर चलेंगे।' किरीट सोमया के बयान से ये साफ है की बीजेपी शिवसेना से गठबंधन को दोबारा जिंदा करना चाहती है। मगर सबसे बड़ा सवाल है कि कौन चलाएगा बीएमसी शिवसेना या बीजेपी?

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