महाराष्ट्र: प्रियंका चतुर्वेदी ने राहुल गांधी के आरोपों को माना सही, चुनाव आयोग से मांगा जवाब

महाराष्ट्र: प्रियंका चतुर्वेदी ने राहुल गांधी के आरोपों को माना सही, चुनाव आयोग से मांगा जवाब

महाराष्ट्र: प्रियंका चतुर्वेदी ने राहुल गांधी के आरोपों को माना सही, चुनाव आयोग से मांगा जवाब

author-image
IANS
New Update
Shiv Sena (UBT) Priyanka Chaturvedi

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

मुंबई, 8 अगस्त (आईएएनएस)। शिवसेना (यूबीटी) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने शुक्रवार को मतदाता सूची में हेरफेर के गंभीर आरोप लगाए हैं। समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में कर्नाटक का उदाहरण देकर बताया कि किस तरह मतदाता सूची में नाम जोड़े और हटाए जा रहे हैं।

Advertisment

उन्होंने महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए कहा कि एक ही कॉलेज कैंपस से 12-13 हजार वोटरों के नाम गलत तरीके से शामिल किए गए, जिनमें ज्यादातर दूसरे राज्यों के छात्र थे। उन्होंने इसे लोकतंत्र को कमजोर करने और मतदाताओं के अधिकारों का हनन करने वाला कदम बताया है, जिसे एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

सांसद ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने लोकसभा चुनाव से पहले ‘एक राष्ट्र, एक पार्टी’ का नारा दिया था, जो पूरा नहीं हुआ। अब वे चुनाव आयोग के माध्यम से अपने एजेंडे को लागू करने की कोशिश कर रहे हैं। क्या चुनाव आयोग भाजपा का प्रवक्ता बन गया है? राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं, जिसका जवाब आयोग को देना चाहिए, न कि भाजपा के प्रवक्ताओं को।

उन्होंने संसद में इस मुद्दे पर चर्चा की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि जनता की ओर से चुने गए प्रतिनिधियों को संसद में इस गंभीर मुद्दे पर बहस करने का अधिकार है। केंद्र सरकार की ओर से इस चर्चा को बाधित करने की कोशिश को उन्होंने ‘चोर की दाढ़ी में तिनका’ की कहावत से जोड़ा और कहा कि चुनाव आयोग को यह स्पष्ट करना चाहिए कि मतदाता सूची में नाम जोड़ने और हटाने की प्रक्रिया कैसे हो रही है और इसका फायदा किसे मिल रहा है।

उन्होंने महाराष्ट्र में 48 लाख नए मतदाताओं के नाम जोड़े जाने पर सवाल उठाया और पूछा कि क्या इतनी बड़ी संख्या में जनसंख्या अचानक बढ़ गई? इसी तरह, बिहार में पांच महीने पहले हुए चुनावों में मतदाता सूची से नाम हटाए गए और कहा गया कि हर विधानसभा क्षेत्र में 5-6 हजार वोटों से जीत-हार तय होती है, ऐसे में मतदाता सूची से लोगों को हटाना एक सोची-समझी साजिश है।

पश्चिम बंगाल में बंगाली भाषा को ‘बांग्लादेशी’ बताने की कोशिश पर भी उन्होंने आपत्ति जताई और कहा कि बंगाली भारत की 22 आधिकारिक भाषाओं में से एक है, फिर भी इसे विदेशी बताकर बंगाली बोलने वाले लोगों, खासकर मुस्लिम समुदाय को मतदाता सूची से हटाने की कोशिश हो रही है। इसे उन्होंने बिना घोषणा के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) लागू करने जैसा बताया। उन्होंने मांग की कि चुनाव आयोग इस मामले में तुरंत संज्ञान ले और पारदर्शी जवाब दे। उन्होंने भाजपा से अपील की कि वह सरकार चलाने की जिम्मेदारी संभाले और चुनाव आयोग का प्रवक्ता बनना बंद करे।

--आईएएनएस

एसएचके/केआर

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

      
Advertisment