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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
मुंबई, 5 सितंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) अमोल मिटकरी ने आईपीएस अधिकारी अंजना कृष्णा के शैक्षिक, जाति प्रमाण पत्रों और अन्य दस्तावेजों की प्रामाणिकता की जांच की मांग की है।
अमोल मिटकरी ने यह अनुरोध संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी), नई दिल्ली के सचिव को 5 सितंबर को लिखे पत्र के माध्यम से किया। यह मांग महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार और अंजना कृष्णा के बीच वायरल वीडियो विवाद के बाद उठाई गई है।
पत्र में मिटकरी ने अंजना कृष्णा द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों की वैधता पर संदेह जताते हुए यूपीएससी से इनकी गहन जांच करने और संबंधित विभागों के साथ निष्कर्ष साझा करने का आग्रह किया। उन्होंने जांच प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने पर जोर दिया।
बता दें कि पूरा विवाद सोलापुर जिले के कुर्डू गांव में अवैध मुरम खनन की जांच के दौरान अजित पवार और अंजना कृष्णा के बीच फोन पर हुई तीखी बहस से जुड़ा है। वायरल वीडियो में दावा किया गया कि अजित पवार ने अंजना को कार्रवाई रोकने का आदेश दिया, लेकिन उन्होंने उनकी पहचान सत्यापित करने की मांग की, जिसके बाद पवार ने वीडियो कॉल पर बात की।
अंजना कृष्णा, 2022-23 बैच की आईपीएस अधिकारी, वर्तमान में सोलापुर के करमाला में पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) के पद पर तैनात हैं। उनकी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा की चर्चा महाराष्ट्र में हो रही है।
इस घटना के बाद जहां एक विपक्षी दल, खासकर शिवसेना (उद्धव गुट), ने अजित पवार पर खनन माफिया को संरक्षण देने का आरोप लगाया, वहीं शिवसेना नेता संजय राउत ने पवार पर निशाना साधते हुए उनकी अनुशासनहीनता पर सवाल उठाए।
अब मिटकरी द्वारा यूपीएससी से आईपीएस अधिकारी के दस्तावेजों की जांच की मांग से राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है।
--आईएएनएस
एससीएच/डीएससी
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