मुंबई, 14 जुलाई (आईएएनएस)। महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने सोमवार को घोषणा की कि पार्टी जन सुरक्षा कानून के खिलाफ हर जिले में प्रतीकात्मक रूप से उसकी प्रतियां जलाएगी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में सपकाल ने महाराष्ट्र विशेष जन सुरक्षा कानून के पीछे की मंशा को भयावह बताया।
उन्होंने कहा, इस कानून का एकमात्र लाभ सरकार और उसका समर्थन करने वालों को होगा। जिन लोगों ने जमीन हड़प ली है और शक्तिपीठ कॉरिडोर तक पहुंचना चाहते हैं, उन्हें ही इसका फायदा होगा।
उन्होंने बताया कि गढ़चिरौली में पर्यावरणविद और आदिवासी, झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोग और शक्तिपीठ परियोजना का विरोध करने वाले किसान, अगर विरोध करते हैं, तो उन्हें जेल में डाल दिया जाएगा और उनकी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी।
उन्होंने कहा, इसका मूल संदेश स्पष्ट है कि या तो सरकार की प्रशंसा करो या चुप रहो। अगर आप विरोध में आवाज उठाएंगे, तो आपको चुप कराने के लिए इस अधिनियम का हथौड़ा चलाया जाएगा।
उन्होंने कहा, क्या महापुरुषों की विचारधाराओं का प्रचार करना माओवाद है? देवेंद्र फडणवीस को स्पष्ट करना चाहिए। अगर ये माओवादी विचार हैं, तो मैं इन्हें व्यक्त करता रहूंगा, और अगर फडणवीस मुझे इसके लिए गिरफ्तार करना चाहते हैं, तो कोई आपत्ति नहीं है।
सपकाल ने यह भी कहा कि अगर फडणवीस मानते हैं कि वामपंथी विचारधारा जहरीली है, तो हम आरएसएस की शाखाओं में फैलाए जा रहे विचार का पर्दाफाश करेंगे।
उन्होंने दावा किया, नरेंद्र दाभोलकर, जिन्होंने अपना पूरा जीवन अंधविश्वास को मिटाने के लिए समर्पित कर दिया, उनकी हत्या कर दी गई। कॉमरेड गोविंद पानसरे और कलबुर्गी, जिन्होंने अपने लेखन के माध्यम से जनता को जागरूक किया, उनकी भी हत्या कर दी गई। इन हत्याओं के पीछे वही ताकतें हैं, जो संभाजी ब्रिगेड के प्रवीण गायकवाड पर हमले के पीछे हैं।
—आईएएनएस
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