मुंबई, 16 जुलाई (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के वरोरा और भद्रावती शहरों में लगे कुछ पोस्टरों ने स्थानीय राजनीति में भूचाल ला दिया है। इन पोस्टरों में दावा किया गया है कि जिला प्रमुख का पद 10 से 25 लाख रुपये में बिक रहा है। इस मुद्दे ने जिले में सियासी हलचल तेज कर दी है और लोग इसकी सच्चाई को लेकर चर्चा कर रहे हैं। पोस्टर में जिला प्रमुख पद बिकने का दावा किया गया है।
यह विवाद तब सामने आया है, जब एक दिन पहले ही शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के जिला अध्यक्ष रवींद्र शिंदे ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने का ऐलान किया।
रवींद्र शिंदे को शिवसेना नेता संजय राऊत का करीबी माना जाता था। चर्चा थी कि संजय राऊत की सिफारिश पर ही शिंदे को जिला प्रमुख का पद मिला था। उनकी नियुक्ति को लेकर शिवसेना (यूबीटी गुट) के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कड़ा विरोध जताया था। इस विरोध के कारण शिंदे को कुछ समय के लिए पार्टी से निष्कासित भी किया गया था, लेकिन बाद में उनकी शिवसेना में फिर से वापसी हुई थी।
पोस्टरों में यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि संजय राऊत पैसे लेकर जिला प्रमुख जैसे महत्वपूर्ण पद बेच रहे हैं। इन पोस्टरों ने चंद्रपुर की राजनीति में नया विवाद खड़ा कर दिया है। स्थानीय लोग और राजनीतिक कार्यकर्ता इस मुद्दे पर तरह-तरह की अटकलें लगा रहे हैं।
कुछ लोग इसे शिवसेना (यूबीटी गुट) के खिलाफ साजिश मान रहे हैं, तो कुछ का कहना है कि यह आंतरिक राजनीतिक गुटबाजी का नतीजा है।
रवींद्र शिंदे के भाजपा में शामिल होने के बाद यह मुद्दा और तूल पकड़ रहा है। शिंदे की नियुक्ति को लेकर पहले ही विवाद था। जिले में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि क्या वाकई में जिला प्रमुख का पद पैसे के बदले दिया गया था। हालांकि, इस दावे की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। इस बात का भी फिलहाल पता नहीं लग पाया है कि ये पोस्टर किसने लगवाया है।
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