भोपाल, 8 जुलाई (आईएएनएस)। कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष जीतू पटवारी पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार मंगलवार को अशोकनगर में गिरफ्तारी देने जा रहे हैं और उन्होंने ऐलान किया है कि अगर सरकार उन्हें जेल भेजेगी तो वह जेल जाने को तैयार हैं।
पिछले दिनों कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के खिलाफ अशोकनगर के मुंगावली में प्रकरण दर्ज किया गया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने एक व्यक्ति को बरगला कर और प्रलोभन देकर गलत बयानी कराई। कांग्रेस ने इसे राजनीतिक विद्वेष करार देते हुए विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। उसी क्रम में मंगलवार को प्रदेश अध्यक्ष सहित कांग्रेस के तमाम नेता गिरफ्तारी देने अशोकनगर जा रहे हैं।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पटवारी ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि एक व्यक्ति जिसे मानव मल खिलाया गया था, उसने कई जगह शिकायत की मगर प्रशासन और पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। मजबूरन वह व्यक्ति मुलाकात करने अशोकनगर से ओरछा पहुंचा और उसने हकीकत बयान की। बाद में प्रशासन ने उस पर दबाव डालकर एक शपथ पत्र ले लिया और प्रकरण दर्ज कर लिया। यह पूरी तरह अवैधानिक है और कांग्रेस लगातार पीड़ितों की लड़ाई लड़ती रही है, लड़ती रहेगी और अब गिरफ्तारी भी हम देने जा रहे हैं। अगर पुलिस प्रशासन जेल भेजता है, तो जेल जाने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पटवारी का कहना है आज सभी कांग्रेस नेता अशोकनगर आम जनता की लड़ाई लड़ने जा रहे है, जनता ने हमे विपक्ष का दायित्व दिया है। उनकी समस्याएं को लेकर हम लगातार लड़ते है, जो वादे जनता से भाजपा ने चुनाव में किए है उन्हें पूरा कराने के लिए सरकार से लगातार मांग करते हैं। हम विपक्ष की सकारात्मक भूमिका निभा रहे है। हमारी आवाज को दबाने का काम किया जा रहा है, सत्ता का दुरुपयोग किया जा रहा है।
उन्होने प्रशासन द्वारा प्रदर्शन को लेकर उठाए गए कदमों पर कहा, जिस नियम के तहत अनुमति दी है उसी हिसाब से प्रदर्शन करेंगे। अगर हमें जेल में डालना है तो सरकार हमें जेल में डाल दे।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर विधानसभा में विधेयक लाने का वादा किया है, जिसका जिक्र करते हुए पटवारी ने कहा कि ओबीसी आरक्षण पर मुख्यमंत्री का बयान बेहद गलत है। सरकार ओबीसी के युवाओं के साथ अन्याय कर रही है। मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि हम नए नियम बना रहे हैं, जबकि नियम बने हुए हैं। अगर उसमें सुधार करना है तो करो, पर देखने में आ रहा है कि सरकार कोर्ट में वकील खड़े करके ओबीसी आरक्षण लागू नहीं करना चाहती है।
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