माणिकराव को खेल मंत्री बनाए जाने पर अनिल परब का तंज, महाराष्ट्र में तैयार करेंगी 'रमीवीर'

माणिकराव को खेल मंत्री बनाए जाने पर अनिल परब का तंज, महाराष्ट्र में तैयार करेंगी 'रमीवीर'

माणिकराव को खेल मंत्री बनाए जाने पर अनिल परब का तंज, महाराष्ट्र में तैयार करेंगी 'रमीवीर'

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IANS
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माणिकराव को खेल मंत्री बनाए जाने पर अनिल परब का तंज, महाराष्ट्र में तैयार करेंगी 'रमीवीर'

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

मुंबई, 1 अगस्त (आईएएनएस)। देवेंद्र फडणवीस सरकार के कैबिनेट में बदलाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है। इसी बीच शिवसेना (यूबीटी) विधायक अनिल परब ने शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार से सभी दागी मंत्रियों को हटाने की मांग दोहराई। उन्होंने माणिकराव के विभाग बदलने पर भी तंज कसा।

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शिवसेना (यूबीटी) विधायक अनिल परब ने कहा, हमने सभी दागी मंत्रियों को कैबिनेट से बाहर रास्ता दिखाने की मांग की है। माणिकराव कोकाटे विधान परिषद के अंदर रमी गेम खेलते हुए पकड़े गए। उस जगह को लोकतंत्र का मंदिर कहा जाता है। कल को कोई मंदिर में जाकर जुआ खेलेगा, तो वो महाराष्ट्र को मंजूर नहीं होगा।

माणिकराव का विभाग बदलने पर उन्होंने कहा, माणिकराव को खेल विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। खेल मंत्री बच्चों को प्रभावित करते हैं, लेकिन क्या उन्हें देखकर बच्चे रमी सिखेंगे? क्या माणिकराव महाराष्ट्र में रमीवीर तैयार करेंगे? हमें लगता है कि वे भविष्य में ऐसी भी मांग कर सकते हैं कि रमी को ओलंपिक में लिया जाए। मुझे लगता है कि आदर्श व्यक्तियों को मंत्रिमंडल में शामिल करना चाहिए और माणिकराव जैसे लोगों को घर बैठना चाहिए।

लाडली बहन योजना में अव्यवस्था की बात करते हुए शिवसेना (यूबीटी) विधायक ने कहा, लाडली बहन योजना का उन्होंने जोर-शोर से प्रचार किया, जिसके कारण उनकी सरकार आई। लेकिन, अब इस योजना से बहनों को निकाला जा रहा है। आज लाडली बहन योजना का अपमान हो रहा है, बहनों को उनके हक से वंचित किया जा रहा है। अब पता चल रहा है कि योजना का लाभ पाने वालों में पुरुष भी थे, ऐसे में सिर्फ वोट खरीदने के लिए पैसे दिए गए थे क्या? आज सरकार बन गई तो लाडली बहन को बाहर निकालने का काम चल रहा है।

लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में धांधली का आरोप लगाए जाने का अनिल परब ने समर्थन किया। उन्होंने कहा, महाराष्ट्र में वोटों का हिसाब नहीं मिल रहा है। बहुत दिनों से चुनाव आयोग से इसकी मांग कर रहे हैं। चुनाव को लेकर हमने जितने भी प्वाइंट दिए, अभी तक उसका सही जवाब नहीं मिल रहा है।

--आईएएनएस

एससीएच/जीकेटी

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