World Environment Day 2025: विश्व पर्यावरण दिवस हर साल 5 जून को मनाया जाता है. इस दिन का उद्देश्य न केवल धरती को बचाना है, बल्कि उन लोगों को सम्मान देना भी है, जो प्रकृति की रक्षा के लिए निरंतर कार्यरत हैं. इस कड़ी में भारतीय महिलाएं सदैव अग्रिम पंक्ति में रही हैं. चाहे वो गांव की जंगलों को बचाने वाली महिलाएं हों या शहरी जीवन में हरियाली की अलख जगाने वाली, हर स्तर पर महिलाओं ने पर्यावरण रक्षा में प्रेरणादायक भूमिका निभाई है. वहीं अब गर्मी का मौसम अपना मिजाज बदल रहा है, बल्कि यह हमारी सेहत के लिए भी सबसे बड़ा दुश्मन बनती जा रही है.
हीटवेव से ऐसे बचें
डॉक्टर्स और पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार, जब तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला जाता है, तो शरीर पर स्ट्रेस बढ़ता है. इससे दिल की धड़कन तेज होती है और ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव आ सकता है, जो हार्ट अटैक या स्ट्रोक का कारण बन सकता है. वहीं रिपोर्ट्स के मुताबिक, वातावरण में बढ़ती गर्मी और प्रदूषण से हार्ट रोगों का खतरा दोगुना हो चुका है. हीटवेव से बचने के लिए दोपहर 12 से 4 बजे तक बाहर न निकलें, ढीले और हल्के रंग के कपड़े पहनें, हाइड्रेटेड रहें और घरों में ठंडा वातावरण बनाए रखें.
शहरीकरण ही जिम्मेदार है
इसके अलावा पर्यावरणीय प्रदूषण जैसे वाहनों से निकलता धुआं, औद्योगिक कचरा और धूल-मिट्टी हवा को जहरीला बना रही हैं, जिससे न सिर्फ श्वसन तंत्र, बल्कि हार्ट भी प्रभावित होता है. पीएम 2.5 जैसे सूक्ष्म कण ब्लड फ्लो में घुसकर हार्ट की धमनियों को नुकसान पहुंचा. हाल ही में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि भारतीय शहरों में तापमान वृद्धि की 60 प्रतिशत प्रवृत्ति के लिए अकेले शहरीकरण ही जिम्मेदार है.
वन क्षेत्र को बढ़ाने के लिए
भारत में पर्यावरण रक्षा कोष के मुख्य सलाहकार हिशाम मुंडोल ने कहा कि गर्म लहरें मुख्यतः जलवायु परिवर्तन और मौसम के पैटर्न में व्यवधान के कारण होती हैं. इसके लिए ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और वन क्षेत्र को बढ़ाने की आवश्यकता है.
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