Chhoti Diwali 2025: छोटी दिवाली को क्यों कहा जाता है नरक चतुर्दशी? जानिए इसके पीछे का महत्व और परंपराएं

Chhoti Diwali 2025: आइए जानते हैं कि छोटी दिवाली क्यों मनाई जाती है? इसका नाम नरक चतुर्दशी या रूप चौदस क्यों कहा जाता है और इस दिन किस भगवान की पूजा की जाती है.

Chhoti Diwali 2025: आइए जानते हैं कि छोटी दिवाली क्यों मनाई जाती है? इसका नाम नरक चतुर्दशी या रूप चौदस क्यों कहा जाता है और इस दिन किस भगवान की पूजा की जाती है.

author-image
Akansha Thakur
New Update
Chhoti Diwali 2025

Chhoti Diwali 2025

Chhoti Diwali 2025: दीवाली से एक दिन पहले मनाई जाने वाली छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी भारतीय परंपरा में अत्यंत पवित्र मानी जाती है. इसे रूप चौदस के नाम से भी जाना जाता है. यह पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन का महत्व दीपावली के समान ही गहरा है, क्योंकि यह अंधकार पर प्रकाश और पाप पर पुण्य की विजय का प्रतीक है.

Advertisment

क्यों मनाई जाती है छोटी दिवाली?

पौराणिक कथाओं के अनुसार, नरकासुर नामक राक्षस ने अपनी शक्ति के घमंड में 16 हजार कन्याओं को कैद कर रखा था और देवताओं तक को आतंकित कर दिया था. उसके अत्याचारों से त्रस्त होकर भगवान श्रीकृष्ण ने माता सत्यभामा के सहयोग से कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी के दिन उसका वध किया. नरकासुर के अंत से देवताओं और मानवों को राहत मिली. इसी कारण इस तिथि को नरक चतुर्दशी कहा जाता है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक बन गई.

रूप चौदस का अर्थ और परंपरा

नरकासुर वध के बाद जब भगवान श्रीकृष्ण स्नान करने लौटे, तो उनके शरीर पर तेल और धूल लगी थी. उन्होंने स्नान किया और उबटन लगाया. तभी से इस दिन तेल मालिश और उबटन से स्नान करने की परंपरा शुरू हुई. इसे रूप चौदस कहा जाता है, क्योंकि इस दिन शरीर और मन की शुद्धि के साथ सौंदर्य और ऊर्जा में वृद्धि होती है. ऐसा माना जाता है कि अभ्यंग स्नान से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और जीवन में सकारात्मकता आती है.

नरक चतुर्दशी पर क्या करें?

धार्मिक मान्यता है कि इस दिन प्रातःकाल स्नान कर दीपदान और यमराज की पूजा करने से पापों का नाश होता है तथा अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है. शाम के समय घर के द्वार पर दीप जलाना शुभ माना जाता है, क्योंकि यह दीप नरक और अंधकार से मुक्ति का प्रतीक है.

छोटी दिवाली की तैयारियां और मान्यताएं

छोटी दिवाली, दीपावली की पूर्व संध्या होती है. इस दिन घर की सफाई, साज-सज्जा और पूजा की तैयारियां पूरी कर ली जाती हैं. कई जगहों पर लोग इस दिन दीप जलाकर नकारात्मक शक्तियों से बचाव करते हैं और घर में सुख-समृद्धि एवं सकारात्मक ऊर्जा का स्वागत करते हैं.

यह भी पढ़ें: Chhoti Diwali 2025: छोटी दिवाली पर यम दीपक जलाने का ये है शुभ मुहूर्त, जानें इसके पीछे की पौराणिक कथा

Diwali 2025 Date Chhoti Diwali chhoti diwali mythology story diwali 2025 roop chaudas 2025 narak chaturdashi 2025 chhoti diwali 2025
Advertisment