शादी एक ऐसा लड्डू है जिसे जो खाए वो भी पछताए और जो ना खाए वो भी पछताए. वहीं इन दिनों जिस तरह की खबरें आ रही हैं. उसके बाद तो लोगों के मन में शादी को लेकर डर बैठ गया है. 99 प्रतिशत लोगों का सपना होता है कि वो शादी करें और उनका एक अच्छा परिवार हो. वहीं हर कपल्स को अपनी सुहागरात का इंतजार होता है. 90s की बॉलीवुड फिल्मों में आपको सुहागरात का सीन देखने को मिल जाएगा, जिसमें दुल्हन शादी के जोड़े में फूलों से सजे कमरे में बिस्तर पर घूंघट कर अपने पति के आने का इंतजार करती है. जिसको लेकर लोगों के मन में एक्साइटेड ज्यादा बढ़ गई है. वहीं अक्सर आपने देखा होगा कि सुहागरात के दिन सफेद चादर बिस्तर पर बिछाई जाती है. इसके पीछे क्या वजह है. आइए आपको बताते है.
वर्जिनिटी टेस्ट
हमारा समाज आज भी कितना पिछड़ा हुआ और दकियानूसी सोच रखता है. दरअसल, पहले के समय सुहागरात की रात सफेद चादर बिस्तर पर बिछाई जाने के पीछे एक बहुत बड़ा कारण होता था. महिलाओं की जब भी शादी होती थी तो उनकी वर्जिनिटी टेस्ट करने के लिए सफेद चादर बिछाई जाती थी. माना जाता था कि इसके अलावा, सफेद चादर पर किसी भी तरह के दाग-धब्बे आसानी से दिखाई दे जाते हैं, जो एक तरह से परीक्षण का भी प्रतीक है. पहले के समय में, यह माना जाता था कि सफेद चादर पर लगे खून के धब्बे, नवविवाहित महिला की कौमार्य का प्रमाण होंगे.
सांस्कृतिक महत्व
सुहागरात पर सफेद चादर बिछाने की प्रथा, विशेष रूप से नवविवाहित जोड़ों के लिए, एक पारंपरिक और सांस्कृतिक महत्व रखती है. यह मुख्य रूप से शुद्धता, पवित्रता और नई शुरुआत का प्रतीक है. सफेद रंग को साफ-सफाई और ताजगी का प्रतीक माना जाता है, जो एक नए जीवन की शुरुआत का प्रतिनिधित्व करता है.
शारीरिक संबंध
हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सुहागरात का मतलब केवल शारीरिक संबंध बनाना नहीं है, बल्कि यह दो लोगों के बीच प्यार, सम्मान और प्रतिबद्धता का प्रतीक है. सफेद चादर एक खूबसूरत परंपरा है, लेकिन यह किसी भी तरह से दो लोगों के बीच के बंधन को परिभाषित नहीं करती है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.