प्रेग्नेंसी में महिलाओं को कई तरह के शारीरिक और मानसिक बदलाव देखने को मिलते हैं. इस दौरान महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं. मां बनना दुनिया का सबसे सुखद अनुभव है. लेकिन इसे पाने के लिए उन्हें 9 महीने बहुत परेशानी उठानी पड़ती है. वहीं कई बार महिला डिलीवरी का समय नजदीक आने पर मायके चली जाती हैं. ऐसा क्यों होता है आइए आपको इसके पीछे का रीजन बताते हैं.
क्यों जाती हैं मायके?
प्रेग्नेंसी में अक्सर महिलाएं मायका इसलिए जाती हैं. क्योंकि उस वक्त ज्यादा से ज्यादा आराम की जरूरत पड़ती है. जिन माताओं को प्रसवपूर्व देखभाल नहीं मिलती है. उनके शिशुओं के कम वजन के साथ जन्म लेने की संभावना तीन गुना अधिक होती है. कम वजन वाले नवजात शिशुओं की मृत्यु की संभावना उन शिशुओं की तुलना में पांच गुना अधिक होती है जिनकी माताओं को प्रसवपूर्व देखभाल मिली होती है.
खान-पान का ध्यान
महिलाओं की प्रेगनेंसी के दौरान उनके शरीर में कई आवश्यक पोषक तत्वों की जरूरत होती है. प्रेगनेंसी के फेज में उन्हें फल, सब्जियां, मेवे और कई प्रकार के स्वस्थ खाद्य पदार्थ खाने की जरूरत होती है, जिससे गर्भ में पल रहे शिशु का स्वास्थ्य ठीक रहे. मायके में महिलाओं पर काम का कोई दबाव नहीं होता है. ऐसे में वह अपने खान-पान का ठीक से ख्याल रख पाती हैं.
आराम करना चाहिए
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को ज़्यादा आराम की ज़रूरत होती है. गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में कई बदलाव आते हैं, जैसे कि वज़न बढ़ना, स्तनों का बढ़ना, और श्वसन दर का बढ़ना. गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस होती है. गर्भावस्था के दौरान महिलाएं सुस्त और कमज़ोर महसूस करती हैं.
स्ट्रेस फ्री
गर्भावस्था में हार्मोनल परिवर्तन के कारण कई अलग-अलग लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं, जो आपकी त्वचा, मूड आदि को प्रभावित कर सकते हैं. प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस की समस्या होती है. वह सुस्त और कमजोर भी हो जाती हैं. ऐसे में उन्हें एक्स्ट्रा केयर और स्ट्रेस फ्री माइंड के साथ रहना जरूरी होता है. माना जाता है कि मायके में महिलाओं को ये सारी सुविधाएं उपलब्ध होती हैं.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.