Women More Crying Than Men : आखिर महिलाएं पुरुषों से ज्यादा क्यों रोती हैं? एक स्टडी में सामने आई वजह

Why Are Women More Crying Than Men : आपने अपने आसपास देखा होगा कि महिलाएं पुरुषों के मुकाबले ज्यादा रोती हैं. साथ ही ऐसा कहा जाता है कि इससे महिलाओं की आंखें बहुत जल्दी खराब हो जाती हैं. आज हम आपको इसके पीछे का कारण बताएंगे.

Why Are Women More Crying Than Men : आपने अपने आसपास देखा होगा कि महिलाएं पुरुषों के मुकाबले ज्यादा रोती हैं. साथ ही ऐसा कहा जाता है कि इससे महिलाओं की आंखें बहुत जल्दी खराब हो जाती हैं. आज हम आपको इसके पीछे का कारण बताएंगे.

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Rajvant Prajapati
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Why Are Women More Crying Than Men

Why Are Women More Crying Than Men : आपने अक्सर अपने आसपास देखा होगा कि महिलाएं पुरुषों के मुकाबले ज्यादा रोती हैं. ऐसा कहा जाता है कि इससे महिलाओं की आंखें बहुत जल्दी खराब हो जाती हैं. लेकिन पुरुषों में आंसू जल्दी नहीं आते. आज हम आपको इसके पीछे का कारण एक अध्ययन के माध्यम से बताएंगे कि पुरुषों की तुलना में महिलाएं सबसे ज्यादा क्यों रोती हैं...

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एक अध्ययन में पता चला

मर्दों और महिलाओं के हार्मोन और रोने के पीछे का कारण पता करने के लिए 2011 में एक अध्ययन किया गया था. इस अध्ययन में कुछ ऐसी रिपोर्ट सामने आईं, जिन्हें जानकर आप हैरान रह जाएंगे. रिपोर्ट के मुताबिक एक महिला एक साल में 30 से 64 बार या इससे भी ज्यादा बार रोती है, वो भी सार्वजनिक तौर पर. वहीं, पूरे साल में पुरुष 05 से 07 बार से ज्यादा नहीं आंसू बहाते हैं, हालांकि पुरुष अकेले रोना पसंद करते हैं.

मर्दों और महिलाओं के हार्मोन

रोने के पीछे का करण शरीर में मौजूद हार्मोन जिम्मेदार होते हैं. शोध के अनुसार, पुरुषों के अंदर वे हार्मोन होते हैं जो महिलाओं के मुकाबले अधिक शक्तिशाली और मजबूत संगठन बनाते हैं. इस हार्मोन का नाम है टेस्टोस्टेरोन. यह वही हार्मोन है, जो किसी मर्द में सबसे अधिक या सबसे कम होता है, जो उस पुरुष की यौन गतिविधि को नियंत्रित करता है. ये वही हार्मोन हैं जो पुरुषों को रुलाते हैं और भावुक कर देते हैं, ये इमोशनल इंटेलीजेंस को कम कर देते हैं और आंसुओं को बहने से रोकते हैं.

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क्या कहती है रिसर्च 

एक रिसर्च के बाद पुरुषों में कम आंसुओं का कारण प्रोलेक्टन हार्मोन को माना गया है. प्रोलेक्टॉन हार्मोन व्यक्ति को भावुक बनाता है और खुद को अभिव्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित करता है. पुरुषों में प्रोलेक्टन हॉर्मोन ना के बराबर होता है और महिलाओं में इसकी मात्रा अधिक होती है. इसलिए अपने अंदर कूट-कूट कर भरे हॉर्मोन के चलते ही महिलाएं ज्यादा रोती और भावुक होती है. वहीं पुरुषों की मर्दानगी वाला हॉर्मोन उन्हें रोने से रोक लेते हैं. 

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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