भारत में बच्चे हो रहे डिप्रेशन का शिकार, टीनएज में एंग्जाइटी कर रही मेंटल हेल्थ खराब

Teens Anxiety and Depression: यूनिसेफ की तरफ से आई रिर्पोट के अनुसार भारत में 15 से 24 वर्ष के बच्चों में हर 7 में से एक बच्चा डिप्रेशन का शिकार है.

author-image
Neha Singh
New Update
Teens Anxiety and Depression

Teens Anxiety and Depression

Teens Anxiety and Depression: खेलने-कूदने की उम्र में भारत के बच्चे डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं. वहीं टीनएजर्स की मेंटल हेल्थ एंग्जाइटी की वजह से खराब हो रही है. यूनिसेफ की तरफ से आई रिर्पोट के अनुसार भारत में बच्चों में हर 7 में से एक बच्चा डिप्रेशन का शिकार है. देश के 14 फीसदी बच्चों की मेंटल हेल्थ खराब है. ‘इंडियन जर्नल ऑफ साइकिएट्री’ में साल 2019 में पब्लिश एक शोध की मानें तो भारत में 5 करोड़ से ज्यादा बच्चे मेंटल हेल्थ की समस्याओं से जूझ रहे हैं. ये आंकड़े कोरोना महामारी के बाद पहले से बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, पूरी दुनिया में 30 करोड़ से ज्यादा लोग एंग्जाइटी से जूझ रहे हैं और 28 करोड़ लोग डिप्रेशन का सामना कर रहे हैं. 

Advertisment

बच्चों में दिखते डिप्रेशन के ये लक्षण

बच्चे का दो सप्ताह से अधिक समय तक लगातार दुखी या निराश रहना.

  • चिड़चिड़ापन या गुस्सा आना.
  • लोगों से बात करना बंद कर देना.
  • बच्चे को रिजेक्ट होने का डर रहना.
  • भूख व नींद कम या ज्यादा आना.
  • रोने का मन करना, ध्यान लगाने में दिक्कत होना.
  • बच्चे का हर वक्त थका हुआ महसूस करना.
  • पेट दर्द या सिरदर्द रहना.
  • किसी काम को करने का मन न करना.
  • मन में अपराध बोध महसूस होना.

बच्चों में मेंटल हेल्थ खराब होने का कारण

  • स्कूल में बुली होना.
  • पढ़ाई का अधिक दबाव.
  • परिवार में डिप्रेशन की हिस्ट्री.
  • नये घर या स्कूल जाने पर अकेलापन महसूस करना.
  • अभिभावकों के बीच होनेवाले झगड़े.
  • भाई-बहन या दादा-दादी से बिछड़ाव.
  • शरीर के अंदर रसायनों का असंतुलन.
  • अन्य कई कारण हो सकते हैं.

पेरेंट्स और टीचर ऐसे करें हेल्प

  • बच्चे के व्यवहार में किसी भी तरह की असामान्यता दिखने पर अभिभावक उनसे बात करें.
  • बच्चे के साथ समय बिताएं और उन्हें अकेलापन न महसूस होने दें.
  • बच्चों में मानसिक स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाने वाले योग व व्यायाम की आदत विकसित करें.
  • यदि बच्चे को पढ़ाई के दबाव से तनाव हो रहा है, तो अभिभावक व टीचर आपस में सामंजस्य स्थापित कर उसका सहयोग करें.
  • बच्चों को उनकी उम्र के अनुसार कुछ जिम्मेदारी वाले काम दें, ताकि उनका आत्मविश्वास बढ़े.
  • मोबाइल व वीडियो गेम पर अधिक समय बिताने की बजाय बच्चों को किताबें पढ़ने के लिए प्रेरित करें.
  • यदि बच्चे में अवसाद की स्थिति गंभीर है, तो काउंसलिंग व थेरेपी की मदद लेने में संकोच न करें.

ये हैं डिप्रेशन की बड़ी वजह

BMC मेडिसिन में साल 2010 में पब्लिश हुई एक स्टडी के मुताबिक, जो लड़के-लड़कियां किसी तरह के खेल या फिजिकल एक्टिविटीज में हिस्सा नहीं लेते हैं. उन्हें डिप्रेशन होने की ज्यादा आशंका होती है.

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में साल 2022 में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, चीनी या शुगरी ड्रिंक्स का सेवन किशोरों के खराब मानसिक स्वास्थ्य की बड़ी वजह बन रहा है

साइंटिफिक जर्नल फ्रंटियर्स में साल 2023 में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, जो टीनएजर्स रोज 7 घंटे से अधिक समय स्क्रीन पर बिताते हैं, उन्हें डिप्रेशन होने की आशंका अन्य टीनएजर्स की तुलना में दोगुने से ज्यादा थी.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

यह भी पढ़ें: खड़े होकर पानी पीने से हो सकती हैं 3 खतरनाक बीमारियां, आयुर्वेद, इस्लाम और ज्योतिषशास्त्र में भी है मनाही

Depression childhood depression anxiety Causes of postpartum depression Children Mental Health Problems Adults Mental Health Teens Anxiety and Depression anxiety disorder
      
Advertisment