Kedarnath Yatra 2024: केदारनाथ धाम में कब तक कर पाएंगे दर्शन? बंद होने वाले हैं कपाट, जल्दी करें जाने की प्लानिंग

अगर आप भगवान केदारनाथ के दर्शन करने के लिए प्लानिंग कर रहे हैं तो जल्दी कर लीजिए. क्योंकि केदानराथ धाम के कपाट बंद होने की तारीख घोषित कर दी गई है.

अगर आप भगवान केदारनाथ के दर्शन करने के लिए प्लानिंग कर रहे हैं तो जल्दी कर लीजिए. क्योंकि केदानराथ धाम के कपाट बंद होने की तारीख घोषित कर दी गई है.

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Neha Singh
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केदारनाथ मंदिर के कपाट

केदारनाथ मंदिर के कपाट

Kedarnath Yatra 2024: भगवान केदारनाथ के दर्शन करने के लिए अगर आप उनके धाम जाने का प्लानिंग कर रहे हैं तो जल्दी कर लीजिए. क्योंकि केदानराथ धाम के कपाट बंद होने की तारीख घोषित कर दी गई है.  बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने इसका ऐलान कर दिया है. सर्दियों में मंदिर के पट बंद कर दिए जाएंगे. मंदिर के पदाधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि केदारनाथ मंदिर के कपाट इस साल तीन नवंबर को सुबह साढ़े आठ बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे. परंपरा के मुताबिक केदारनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए भाई दूज के मौके पर 3 नवंबर को बंद हो जाएंगे.

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हर साल क्यों बंद होते हैं चारों धाम के कपाट

भाई दूज दिवाली का पर्व आने के बाद ठंड बढ़ जाती हैं. ऐसे में चारों धाम ऊंचाई पर होने के कारण यहां ठंड और भी ज्यादा चरम पर होती है. इन सभी धामों तक पहुंचने का रास्ता भी कठिन है, जो ठंड के दौरान और भी ज्यादा मुश्किल हो जाता है. जैसे-जैसे आप ऊंचाई पर जाते हैं, तो अधिक ठंड के कारण आपको सांस लेने में भी परेशानी हो सकती है. सुविधाओं के अभाव के कारण लोगों को मदद मिलने में भी परेशानी हो सकती है. ठंड के दौरान इन क्षेत्रों में भारी बर्फबारी भी होती है. यही कारण है कि भैया दूज के बाद बाबा केदारनाथ के दर्शन रोक दिए जाते हैं. इसके बाद महाशिवरात्रि पर चार धाम के कपाट खुलने की तारीख का ऐलान किया जाता है.

सदियों पुरानी परंपरा

सदियों पुरानी परंपरा के मुताबिक, कपाट बंद होने के बाद बाबा केदारनाथ उखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मठ मंदिर के लिए रवाना होते हैं तो बाबा का रात्रि विश्राम भी तय है. पहली रात का पड़ाव रामपुर में होता है, जो लगभग 18 किलोमीटर नीचे है. बाबा की डोली को उखीमठ के युवा अपने कंधों पर लिए पैदल ही चलते हैं. भैरव घाटी जंगल चट्टी होते हुए बाबा की डोली गौरीकुंड पहुंचती है. गौरीकुंड के स्थानीय लोग बाबा का स्वागत और पूजन करते हैं.

शीतकालीन गद्दी की होती पूजा

डोली सोनप्रयाग होते हुए रामपुर पहुंचती है. वहां परंपरागत रूप से बाबा केदारनाथ का रात्रि विश्राम होता है. अगले दिन सुबह बाबा की डोली गुप्तकाशी के लिए रवाना होती है. तीसरी सुबह गुप्तकाशी से रवाना होने के बाद डोली सीधी उखीमठ पहुंचती है. जहां अगले 6 महीनों के लिए ओंकारेश्वर मंदिर में बाबा की उत्सव मूर्ति और सिंहासन अवस्थित रहते हैं. यह माना जाता है कि बाबा केदारनाथ के शीतकालीन गद्दी की पूजा होती है.

कब खुलेंगे केदारनाथ धाम के कपाट?

मंदिर के कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ की चल-विग्रह डोली अपनी शीतकालीन गद्दी स्थल की तरफ प्रस्थान करेगी. इसके बाद अगले साल केदारनाथ मंदिर के कपाट खोले जाएंगे. वहीं इस बार मंदिर के कपाट 10 मई 2024 को खोले गये थे. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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