हाल ही में एक रिसर्च आई है. जिसमें रोज शैंपू नहीं करने की सलाह दी है. दरअसल, यूरोप में कुछ देशों में लोग धीरे-धीरे रोज शैंपू करने की आदत छोड़ रहे हैं. खासकर कोविड के बाद एक मूवमेंट चलने लगा है जिसका नाम है “लो-पू” और “नो-पू”. यानी वहां कम या फिर बिना शैंपू के बाल धोने का ट्रेंड बढ़ रहा है.
इतने दिन करना चाहिए शैंपू
वहीं फ्रांस में हफ्ते में 2 से 3 बार शैंपू करते हैं. अमेरिका और जापान में शैंपू का इस्तेमाल सबसे ज्यादा हो रहा है. वहीं भारत की बात करें तो उसमें अभी ये कम है. वहीं डॉक्टर की सलाह की बात करें तो उनके मुताबिक आप रोज नहा सकते हैं, लेकिन शैंपू आपको हफ्ते में 2 से 3 बार ही करना होगा.
रोज नहाना फायदेमंद
आप बाकी दिन सिर्फ पानी से धो लें. जिससे की नैचुरल ऑयल बना रहेगा. वहीं बहुत ज्यादा पसीना आने वाले लोगों को जरूर रोज शैंपू की जररूत पड़ती है. वहीं भारत गर्म देश है, जहां पसीना और धूल ज्यादा होती है. रोज नहाना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन शैंपू का इस्तेमाल कम करना बेहतर है.
बिना शैंपू के नुकसान
जिन लोगों की त्वचा और बाल ज्यादा ऑयली होते हैं उन्हें बिना शैंपू के नहाने से बाल चिपचिपे और गंदे लग सकते हैं.
इसके अलावा पसीना, धूल और प्रदूषण के कण सिर्फ पानी से पूरी तरह साफ नहीं होते. शैंपू कुछ मात्रा में रह जाता है.
अगर आपने बालों को अच्छी तरह साफ ना किया हो, तो टाइम के साथ बैक्टीरिया की वजह से बदबू आ सकती है.
क्या है ट्रेंड
Low-Poo यानि लो-पू यानि कम केमिकल वाला, सल्फेट-फ्री, कम शैंपू करना
No-Poo नो-पू यानि बिल्कुल शैंपू न करना, उसकी जगह पानी, हर्बल वॉश, या नैचुरल चीज़ों का इस्तेमाल (जैसे एप्पल साइडर विनेगर, रीठा)
क्यों शुरू हुआ आंदोलन
ये आंदोलन केमिकल्स से डर और स्किन प्रॉब्लम के कारण शुरू हुआ. शैंपू में सल्फेट्स, पैराबेन्स और सिलिकांस जैसे केमिकल शैंपू में होते हैं. इससे बालों का नेचुरल ऑयल खत्म हो रहा है. जिसकी वजह से बाल रूखे, कमजोर और खोपड़ी में खुजली बढ़न लगती है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.