रोटी, कपड़ा और मकान वर्षों से इंसान की जरूरत रही है. महिलाओं के लिए कपड़ों की महत्ता ज्यादा है. महिलाएं स्टाइलिश कपड़ो के बिना तो रह सकती है लेकिन ब्रा के बिना बिल्कुल नहीं. ब्रा तो चाहिए ही चाहिए. गौर करने वाली बात है कि ये ब्रा इतनी इंपोर्टेंट है बावजूद इसके लोग इस बारे में बात करने में शर्माते हैं.
क्या आपको पता है कि ब्रा की फुलफॉर्म क्या होती है. ब्रा किसने बनाई है. नहीं पता होगा. अधिकांश लोगों को नहीं पता होगा. लेकिन ब्रा की भी अपनी एक कहानी है. ब्रा के बारे में कुछ ऐसी भी जानकारियां हैं, जिनके बारे में महिलाएं तक नहीं जानती हैं. आइये आज आपको बताते हैं ब्रा से जुड़ी दिलचस्प फैक्ट्स…
कैसे हुई ब्रा की शुरुआत?
ब्रा की शुरुआत 20वीं सदी में हुई. इतिहासकारों का कहना है कि 1910 में ब्रा का आविष्कार हुआ था, जिसके निर्माता का नाम मैरी फेल्प्स जैकब है. 19 वर्ष की आयु में उसने ब्रा का निर्माण किया था.
ब्रा का पूरा नाम क्या है?
ब्रा का फुलफॉर्म ब्रेजियर है. ये फ्रेंच भाषा का एक शब्द है. इसका मतलब होता है- एक ऐसा अंडरगार्मेंट जो महिलाओं को ब्रेस्ट को ढंकने और उन्हें सहारा देने के लिए डिजाइन किया गया है. 1930 आते-आते लोगों ने ब्रेजियर को ब्रा बोलना शुरू कर दिया. 1911 में ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी ने ब्रेजियर शब्द को शामिल किया था.
क्या ब्रा की एक्सपायरी डेट होती है?
अगर आप कोई ब्रा सप्ताह में 3 से चार बार पहनते हैं तो आठ महीने तक आप उसे पहन सकते हैं. 12 महीने तक भी ब्रा पहनी जा सकती है. इससे ज्यादा समय तक भी ब्रा का यूज किया जा सकता है अगर उसे हर रोज नहीं पहना जाता है तो. ब्रा की क्वालिटी भी ब्रा के शेल्फटाइम को प्रभावित करती है.
80% महिलाएं पहनती हैं गलत ब्रा
एक सर्वे रिपोर्ट की मानें तो 80 प्रतिशत महिलाएं गलत साइज की ब्रा पहनती हैं. ब्रा का साइज मापने के लिए बहुत स्केल मौजूद हैं. लेकिन झिझक औऱ शर्म की वजह से महिलाएं बिना साइज मापे ही गलत ब्रा खरीद लेती हैं. शायद महिलाओं को पता भी नहीं होगा कि वे गलत ब्रा पहन रही हैं.
क्यों नहीं पहननी चाहिए गर्मियों में काली ब्रा?
गर्मियों में काले रंग की ब्रा न पहनने के लिए कहा जाता है. काले कपड़ों की तरह ही काली ब्रा भी सनलाइट को अट्रैक्ट करती है. महिलाओं को इससे अधिक गर्मी और इरिटेशन हो सकती है.