मेल और फिमेल किन्नर में इस चीज का होता है फर्क, जानिए वजह

मेल और फिमेल किन्नर, दोनों ही थर्ड जेंडर यानी की तीसरे लिंग से संबंधित होते हैं. लेकिन इनके बीच कुछ शारीरिक और मानसिक अंतर नजर आते है. ट्रांस पुरुषों और ट्रांस महिलाओं के बीच का अंतर किसी भी पुरुष और किसी भी महिला के बीच का अंतर है.

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Nidhi Sharma
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मेल और फिमेल किन्नर

मेल और फिमेल किन्नर Photograph: (social media)

ट्रांस पुरुषों और ट्रांस महिलाओं के बीच का अंतर किसी भी पुरुष और किसी भी महिला के बीच का अंतर है. मेल किन्नर और फीमेल किन्नर, दोनों थर्ड जेंडर (तीसरा लिंग) से संबंधित हैं, लेकिन इनके बीच कुछ शारीरिक और मानसिक अंतर होते हैं. मेल किन्नर वे व्यक्ति होते हैं जो पुरुष के रूप में पैदा होते हैं, लेकिन उनके प्राइवेट पार्ट्स साफ नहीं होते हैं. वहीं फीमेल किन्नर महिला के रूप में पैदा होते हैं, लेकिन उनके प्राइवेट पार्ट्स भी साफ नहीं होते हैं. 

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क्या है फर्क

ट्रांस पुरुष आमतौर पर मर्दाना कपड़े पहनते हैं, दाढ़ी रख सकते हैं, और अक्सर सर्वनामों का उपयोग करते हैं. ट्रांस महिलाएं आमतौर पर अन्य महिलाओं की तरह ही कपड़े पहनती हैं, गहने पहन सकती हैं और अपने बालों को स्त्रैण तरीके से स्टाइल कर सकती हैं, और अक्सर सर्वनामों का उपयोग करती हैं.

क्या है असली कारण 

शारीरिक रूप

मेल और फिमेल किन्नर शारीरित रूप से अलग होते है. उनके पास महिला और पुरुष दोनों के लक्षण हो सकते हैं या फिर हो सकता है कि उनके पास कोई भी जननांग न हो.

मानसिक रूप

मेल किन्नर खुद को पुरुष के रूप में पहचानते हैं, लेकिन उन्हें यह भी पता होता है कि उनके पास एक अलग तरह का शरीर है जो सामान्य पुरुष शरीर से अलग है. वहीं यहीं महिला किन्नर के साथ होता है.

वजह 

यह क्रोमोसोम की गड़बड़ी से होता है. इसके अलावा हार्मोन में असंतुलन भी किन्नर बनने का कारण हो सकता है. कई बार पर्यावरण भी किन्नर बनने का कारण होता है. 

कुल मिलाकर मेल किन्नर और फीमेल किन्नर दोनों थर्ड जेंडर से संबंधित होते हैं, लेकिन इनके बीच कुछ शारीरिक और मानसिक अंतर होते हैं. इन अंतरों के कारण, दोनों के पास समाज में अपनी अलग भूमिका होती है.

किन्नर भी करते हैं विवाह

किन्नर समाज में किसी नए सदस्य को शामिल करने के भी नियम है. मसलन किन्नरों के समूह में नए सदस्य को शामिल करने से पहले नाच-गाना और सामूहिक भोज होता है. वहीं आम लोगों की तरह किन्नर समाज भी वैवाहिक बंधनों में बंधते हैं. किन्नर अपने अराध्य देव अरावन से विवाह करते हैं,लेकिन इनका विवाह मात्र एक दिन के लिए होता है. मान्यता है कि शादी के अगले दिन किन्नरों के अरावन देवता की मृत्यु के साथ ही इनका वैवाहिक जीवन खत्म हो जाता है.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.

 

 

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