Maha Shivratri 2025: शिवरात्रि के पर्व में अब कुछ ही दिन बचे हैं, इस पर्व पर भक्त भगवान शिव के दर्शन के मंदिरों में जाते हैं. ऐसे में हम आपको दिल्ली में महादेव के कुछ ऐसे मंदिरों के बारे में बताएंगे, जहां आप शिवरात्रि के पर्व पर दर्शन के लिए जा सकते हैं. इन मंदिरों का इतिहास सबसे पुराना है. आइए जानते हैं इन मंदिरों के बारे में...
प्राचीन गौरी शंकर मंदिर
दिल्ली के चांदनी चौक में स्थित प्राचीन गौरी शंकर मंदिर 800 वर्ष पुराना है. इस मंदिर का निर्माण एक मराठी शिव भक्त ने करवाया था. ऐसी माना जाता है कि एक मराठा सिपाही युद्ध में बहुत घायल हो गया था. वह भगवान भोलेनाथ का भक्त था.उसने भगवान शिव से स्वस्थ होने की गुहार लगाई थी. और शिव जी की कृपा से वह ठीक हो गया था इसके बाद मराठा सम्राट ने गौरी शंकर मंदिर का निर्माण कराया था.
दूधेश्वर नाथ मंदिर
दूधेश्वर नाथ मंदिर दिल्ली के गाजियाबाद में स्थित है, जो भगवान शिव को समर्पित है. यह मंदिर हिंडन नदी से कुछ दूरी पर स्थित है. ऐसा कहा जाता है कि यहां यहां स्थापित शिवलिंग खुद उत्पन्न हुआ था. यही कारण है कि इस मंदिर में पूजा करने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं.
गुफा शिव मंदिर
गुफा शिव मंदिर दिल्ली के प्रीत विहार में स्थित है. इस मंदिर का निर्माण बहुत ही आकर्षक ढंग से किया गया है. इस मंदिर का निर्माण करीब 22 साल पहले हुआ था।. यहां हिंदू धर्म के सभी देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं.
मंगल महादेव बिरला कानन मंदिर
मंगल महादेव बिड़ला कानन मंदिर दिल्ली-गुड़गांव NH-8 के पास है. इस का निर्माण 90 के दशक में हुआ था. यहां भगवान शंकर की 11 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित है. इसके अलावा यहां देवी-देवताओं की प्रतिमाएं भी चित्रित हैं. इस मंदिर परिसर में एक बगीचा भी है, जहां रंग-बिरंगे फूल लगाए गए हैं.
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