/newsnation/media/media_files/LTWZr2tCCYcJBqNPOXH1.jpg)
Best Tourist Places to Visit on Janmashtami (Social Media)
Best Tourist Places to Visit on Janmashtami 2024: हर साल जन्माष्टमी हम लोग बड़े धूमधाम से मनाते हैं. इस दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्मदिन मनाया जाता है. जन्माष्टमी के दिन स्कूल, आफिस की छुट्टी होती है. इस साल जन्माष्टमी 26 अगस्त, सोमवार को दिन मनाई जाएगी. ऐसे में जिन लोगों की शनिवार और रविवार को छुट्टी होती है उन्हें 3 दिन की छुट्टी मिल रही है. ऐसे में आप इस मौके पर अपने दोस्तों या परिवार के साथ दिल्ली के पास स्थित इन जगहों को एक्सप्लोर कर सकतें हैं.
मथुरा
इस जन्माष्टमी पर आप दिल्ली से मथुरा और वृंदावन की यात्रा कर सकते हैं. यह यात्रा आपके लिए बेहद खास रहेगा. ये जगह दिल्ली से लगभग 183 किलोमीटर है, जहां पहुंचने में आपको करीब 2-3 घंटे का समय लगेगा. मथुरा का कृष्ण जन्म मंदिर सबसे प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक हैं. यहां पर हर साल जन्माष्टमी के दौरान काफी संख्या में पर्यटक आते हैं.
शिमला
दिल्ली से कुछ दूरी पर स्थित शिमला घूमने के लिए ये वीकेंड बेहद खास जगह हो सकता है. शिमला एक खूबसूरत हिल स्टेशन है, जहां पर रोजाना दूर-दूर से लाखों की संख्या में पर्यटक अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ मौज-मस्ती करने आते हैं. यहां की प्राकृतिक सुंदरता आपके मन को मोह लेगी.
लैंसडाउन हिल स्टेशन
इस जन्माष्टमी पर आप उत्तराखंड में स्थित लैंसडाउन हिल स्टेशन घूमने जा सकते हैं. यह शानदार जगह है, जहां पर आप बहुत सारे सेल्फी ले सकते हैं और दोस्तों के साथ मस्ती कर सकते हैं. एक बार लैंसडाउन आने के बाद आप सभी दोस्तों का घर जाने का मन नहीं करेगा.
कसार देवी हिल स्टेशन
उत्तराखंड अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए फेमस है. उत्तराखंड के अल्मोड़ा में कसार देवी हिल स्टेशन कुमाऊं की पहाड़ियों पर स्थित है. यहां से शहर का नजारा देखने लायक होता है. अल्मोड़ा एक बेहतरीन जगह है, जहां पर दूर-दूर से लोग अपने दोस्तों, रिश्तेदारों या पार्टनर के साथ इन घाटियों, नदियों और बस्तियों का नजारा देखने के लिए आते हैं.
Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन केधर्म-कर्मसेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)