सर्दियों के मौसम में कहीं ना कहीं घूमने का प्लैन बन ही जाता है. ऐसे में कईं लोग ठंडी जगहों पर घूमने का प्लान बनाते है. तो, वहीं कुच लोग गर्म जगहों पर जाना पसंद करते है. इस मौसम में ज्यादातर लोग मनाली, कश्मीर, गोआ जैसी जगहों पर घूमना पसंद करते है. लेकिन, वहीं अगर हम आपको एक ऐसी प्यारी जगह बता दें जहां जाकर आप ये जरूर कहेंगे कि यहां नहीं घूमे तो क्या घूमे. वो जगह है जयपुर जिसे पिंक सिटी के नाम से भी जाना जाता है. अब, वैसे तो इस शहर में ऐसी कई जगह है जिसकी वजह से ये गुलाबी शहर के नाम से जानी जाती है. लेकिन, आज जरा आपको जयपुर की कुछ ऐसी जगहों के बारे में बताएंगे जहां पैलेस और फॉर्ट्स से हटकर बहुत कुछ है.
गलताजी मंदिर
जयपुर में घूमने के लिए सबसे पहले गलताजी मंदिर आता है. ये मंदिर जयपुर के बाहरी इलाके में है. ये एक प्री-हिस्टॉरिक हिंदू तीर्थ स्थल है. ये पिंक कलर के बलुआ पत्थरों से बना हुआ है. पहाड़ी इलाके में बसा हुआ ये मंदिर बहुत ही बड़ा है. इस मंदिर में आपको कई मंदिर, पवित्र कुंड, मंडप और झरने देखने को मिल जाएंगे. ये खूबसूरत पहाड़ियों में बसा हुआ है. इस मंदिर को देखने के लिए हर साल तादाद में पर्यटकों की भीड़ जमा होती है.
अल्बर्ट हॉल
वहीं दूसरे नंबर पर अल्बर्ट हॉल आता है. जयपुर में सिर्फ महल और पैलेस ही नहीं है जो कि फेमस है. बल्कि, कई और जगह भी है. जिसमें से एक अल्बर्ट हॉल भी है. ये हॉल राम निवास गार्डन के खूबसूरत बगीचों के बीच सबसे पुराना म्यूजियम है. आइवरी, क्रिस्टल, नैचुरल स्टोन्स और धातु की नक्काशीदार मूर्तियां म्यूजियम के कई खजानों में से हैं. इसमें सिटी के शासकों के निजी सामान के साथ-साथ टॉलेमिक युग की एक मिस्र की ममी और भी बहुत कुछ है. ये म्यूजियम राजस्थान का सबसे पुराना म्यूजियम है. इस म्यूजियम में महंगे आभुषण, हाथी दांत के बने हुए सामान, चित्र, मुर्तिया वगैराह देखने को मिल जाएंगे.
महारानी की छतरी
वहीं अगले नंबर पर घूमने के लिए महारानी की छतरी आता है. जो कि रेलवे स्टेशन से कुछ किलोमीटर की दूरी पर है. महारानी की छतरी एक तरह से जयपुर की शाही महिलाओं या महारानियों की अंतिम संस्कार वाली जगह है. ये अपने शानदार मेमोरियल के लिए फेमस है. जिसे रॉयल फैमिली की महिलाओं की याद में बनाया गया था. अगर आपको हिस्ट्री और आर्किटेक्चर में दिलचस्पी रखते हैं, तो ये जगह आपके लिए एकदम परफेक्ट है.
पन्ना मीना का कुंड
पन्ना मीना का कुंड आमेर के लोगों के लिए पानी इकट्ठा करने के लिए बनवाया गया था. जिसका इस्तेमाल तब कई पड़ोसी मंदिरों में किया जाता था. आमेर किले के ठीक पास में एक येलो कलर की बावड़ी है जिसे सोलहवीं शताब्दी में बनाया गया था. यहां लेडीज घर के कामों के लिए भी पानी के लिए घड़े भरने आती थी. पन्ना मीना का कुंड एक स्केवयर शेप की बावड़ी है, जिसके चारों तरफ सीढ़ियां बनी हुई हैं.
झालाना सफारी
जयपुर में आपने हर जगह का नाम सुना होगा. लेकिन, शायद ही आपने झलाना सफारी का नाम सुना होगा. तो, चलिए अब सुनिए और घूमने का प्लान बनाइए. ये जगह अरावली की पहाड़ियों के बीच, झालाना पार्क जयपुर राजघरानों का शिकारहगाह हुआ करता था. जो कि सिटी के सेंटर में बसा हुआ है. यहां जंगली जानवर देखे जा सकते हैं. जिनमें ब्लू बुल, हाइना, चित्तीदार हिरण, नेवला, साही और डेजर्ट फॉक्स शामिल है. ये पार्क कई तरह के देशी पक्षियों का भी घर है. जिनमें भारतीय पित्त, डस्की ईगल और स्पॉटेड ओवलेट शामिल हैं. सर्दियों के मौसम में पार्क में फ्लेमिंगो, क्रेन, एग्रेट्स, डनलिंस और कॉर्मोरेंट देखे जा सकते हैं.