Lohri 2025: लोहड़ी का त्योहार आज पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है. घरों में जहां सुबह से ही लोग झूमते गाते नजर आ रहे हैं. वहीं गुरुद्वारों में भी मत्था टेकने के लिए लोग सुबह से पहुंच रहे हैं. ऐसे में आज देर रात तक गुरुद्वारों में अलग ही रौनक देखने को मिलेगी. अगर आप भी आज का दिन यादगार और विशेष बनाना चाहते हैं तो सेवा और लंगर के लिए भारत के कुछ प्रमुख गुरुद्वारों में जा सकते हैं. जो भी आपके नजदीक हो. आइए जानते हैं इनके बारे में.
गोल्डन टेम्पल, पंजाब (Golden Temple, Punjab)
देश में जब भी पवित्र सिख तीर्थ स्थलों की बात होती है सबसे पहला नाम गोल्डन टेम्पल (स्वर्ण मंदिर) का आता है. पंजाब के अमृतसर में स्थित गोल्डन टेम्पल में लोहड़ी पर आपको अलग ही रौनक देखने को मिलेगी. इसे लोग हरमंदिर साहिब गुरुद्वारा के नाम से भी जानते हैं. लोहड़ी के मौके पर यहां देश से ही नहीं, बल्कि विदेश से भी सिख समुदाय के लोग पहुंचते हैं. लोहड़ी पर यहां विशेष कार्यक्रम होते हैं.
गुरुद्वारा बंगला साहिब (Gurudwara Bangla Sahib, New Delhi)
अगर आप दिल्ली-NCR के आसपास रहते हैं तो आप लोहड़ी पर गुरुद्वारा बंगला साहिब जा सकते हैं. यह गुरुद्वारा अपनी सुंदरता, सेवा भाव और लंगर के लिए प्रसिद्ध है. लोहड़ी के मौके पर आप यहां जाकर माथा टेक सकते हैं. इसमें कीर्तन सुनने के लिए लोग बड़ी संख्या में पहुंचते हैं.
तख्त श्री पटना साहिब (Takht Shri Patna Sahib, Bihar)
बिहार का तख्त श्री पटना साहिब भी लोहड़ी पर जाने के लिए सबसे अच्छी तीर्थ स्थल है. तख्त श्री पटना साहिब दसवें सिख गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी के जन्मस्थान के रूप में जाना जाता है. लोहड़ी के मौके पर आप यहां जा सकते हैं. गुरुद्वारे को लोहड़ी पर खूबसूरत अंदाज में सजाया जाता है. इसके साथ ही इस दिन खास कार्यक्रम भी होते हैं.
गुरुद्वारा पौंटा साहिब (Gurudwara Paonta Sahib, Himachal Pradesh)
हिमाचल प्रदेश-उत्तराखंड की सीमा पर बने गुरुद्वारा पौंटा साहिब में बड़ी संख्या में लोग मत्था टेकने पहुंचते हैं. यह यमुना नदी के किनारे स्थित यह जिला सिरमौर में बना है. ऐसा कहा जाता है कि पांवटा साहिब को दसवें सिख गुरु गोबिंद सिंह ने बनवाया था. लोहड़ी के मौके पर इसे बहुत सुंदर सजाया जाता है.
गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब (Gurudwara Hemkund Sahib, Uttarakhand)
समुद्र तल से करीब 15 हजार से भी अधिक फुट की ऊंचाई पर गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब बना हुआ है. उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित यह गुरुद्वारा सिखों की आस्था का प्रतीक है. ऐसी मान्यता है कि जो भी सच्चे मन से यहां माथा टेकता है उसकी सारी मुरादें पूरी होती हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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