आईब्रो के लिए थ्रेडिंग या वैक्सिंग? पढ़ें दोनों में से कौन-सा है सबसे बेस्ट

आइब्रो बनवाना वैसे कोई मुश्किल काम नहीं होता है लेकिन इसमें जो दर्द होता है. हालांकि इसे बनवाने में थोड़ी जलन की समस्या होती है. कई लोग आइब्रो थ्रेडिंग से बनवाते हैं तो कई लोग वैक्सिंग से बनवाते हैं.

आइब्रो बनवाना वैसे कोई मुश्किल काम नहीं होता है लेकिन इसमें जो दर्द होता है. हालांकि इसे बनवाने में थोड़ी जलन की समस्या होती है. कई लोग आइब्रो थ्रेडिंग से बनवाते हैं तो कई लोग वैक्सिंग से बनवाते हैं.

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Nidhi Sharma
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थ्रेडिंग या वैक्सिंग

थ्रेडिंग या वैक्सिंग Photograph: (Freepik)

हमारे चेहरे के साथ-साथ हमारी आंखें भी खूबसूरती बढ़ाने के लिए काफी अहम रोल प्ले करती हैं. आइब्रो शेप में हो तो चेहरे में चार चांद लग जाते हैं लेकिन इसे बनवाना उतना ही मुश्किल होता है. धागे से आंखों के ऊपर के बाल निकलवाना आसान नहीं होता है. कई लड़कियां आइब्रो थ्रेड से बनवाते हैं तो कई लड़कियां वैक्सिंग से बनवाती है. आइए हम बताते हैं कि इन दोनों में से कौन-सा बेस्ट तरीका है.

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थ्रेडिंग

थ्रेडिंग यानी धागे से आइब्रो के बाल निकलवाना. इंड‍िया में ये तरीका काफी पुराना है. इसमें कॉटन के पतले धागे से आइब्रो के अनचाहे बालों को खींचकर निकाला जाता है. धागे से आइब्रो बनवाने के कई फायदे हो सकते हैं. दरअसल, थ्रेड‍िंग से ज्यादा प्रिसाइज शेप मिलती है. स्किन पर क‍िसी प्रकार का कोई केमिकल नहीं लगता है. इसके अलावा छोटे-छोटे बाल भी आसानी से निकल जाते हैं. सेंसिटिव स्किन वालों के लिए थ्रेड ज्‍यादा बेहतर माना जाता है. हालांक‍ि इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं. आपको बाल न‍िकलवाते समय थोड़ी चुभन या दर्द महसूस हो सकता है. अगर आप पहली बार थ्रेड‍िंग करवा रही हैं तो जलन या लाल‍िमा हो सकती है.

वैक्सिंग

वैक्सिंग में गर्म या कोल्ड वैक्स को स्किन पर लगाया जाता है. इसे एक स्‍ट्र‍िप की मदद से खींचा जाता है. ताक‍ि एक झटके में आइब्रो के अनचाहे बालों को हटाया जा सके. यह प्रोसेस तेज होता है लेकिन हर स्किन टाइप के लिए सही नहीं होता है. लेक‍िन इससे स्मूद रिजल्ट मिलता है. दोबारा बाल आने में कम से कम दो से तीन हफ्ताें का समय लगता है. अगर आपके मोटे या ज्‍यादा बाल हों तो ये तरीका बेस्‍ट हो सकता है. वैक्‍स‍िंग कराने के कुछ नुकसान भी हैं. दरअसल, आइब्रो की स्किन बहुत नाजुक होती है. ऐसे में वैक्स कराने से स्किन खिंच सकती है. कुछ लोगों को एलर्जी या रैशेज हो सकते हैं. इससे शेप देने में भी थोड़ी मुश्किल हो सकती है.

थ्रेड‍िंग और वैक्‍स‍िंग

अगर आप थ्रेड‍िंग और वैक्‍स‍िंग को लेकर कंफ्यूज हैं तो आप अपनी स्‍क‍िन टाइप को देखते हुए दोनों में से एक को चुन सकती हैं. अगर आपकी स्किन बहुत नाजुक है और आप चाहती हैं कि आइब्रो की शेप बिल्कुल परफेक्ट लगे तो आपके ल‍िए थ्रेडिंग एक बेस्‍ट ऑप्‍शन हो सकता है. अगर आपके आइब्रो के बाल मोटे हैं और स्‍क‍िन भी नाजुक नहीं है तो वैक्‍स‍िंग ट्राई कर सकती हैं. लेक‍िन आप इसे क‍िसी प्रोफ्रेशनल से ही कराएं.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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