Third Gender Birth Reason: महिला और पुरुष की बड़ी ही सुंदरता से रचना की है. लेकिन इनके बीच एक तीसरा वर्ग भी है. जिसे अलग-अलग नाम से जाना जाता है. कुछ लोग इन्हें हिजड़ा, किन्नर या फिर ट्रासजेंडर के नाम से जाना जाता है. अंग्रेजी में इन्हें eunuch (युनक) भी कहा जाता है. जब भी घर में कुछ भी शुभ कार्य होता है. तो इन्हें आशीर्वाद देने के लिए बुलाया जाता है. लेकिन जब भी इनका जन्म घर में होता है तो इनका परिवार काफी दुखी हो जाता है. क्योंकि उन्हें पता होता है कि वो बच्चा अब उनके साथ नहीं रह पाएगा. वहीं इन्हें देखकर लोगों के मन में सवाल पैदा होता है कि आखिर इनका जन्म कैसे होता है. आइए बताते हैं कि मां-बाप की कौन-सी गलती की वजह से किन्नर का जन्म होता है.
मेडिकल साइंस के अनुसार
मेडिकल साइंस के अनुसार, महिला के गर्भवती होने के तीन महीने के अंदर ही गर्भ में पल रहे शिशु का विकास होना प्रारंभ हो जाता है. इस दौरान शरीर के अंदर कई तरह की हारमोनल चेंजेस होते हैं जिससे बच्चे के किन्नर पैदा होने की संभावना बढ़ जाती है. गर्भावस्था के बाद का तीन महीना काफी अहम होता है. कभी-कभार मां को बुखार की समस्या भी होती है जिससे राहत पाने के लिए कई बार हम अपनी जानकारी के मुताबिक कोई भी दवा ले लेते हैं.
दवाओं के हैवी डोज
इन दवाओं के हैवी डोज का असर मां के गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ता है. इसीलिए गर्भावस्था में गलती से भी हैवी डोज की दवाईयां न लें. प्रेग्नेंट महिला को अपने खानपान पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए. इस समय केमिकली टिट्रेड या पेस्टिसाइड्स वाले फल और सब्जियों का सेवन ना करना ही बेहतर है.
इन गलती से बचें
प्रेग्नेंसी में व्यायाम या एक्सरसाइज जरूर करें, लेकिन बस इतना ध्यान रखें कि कही शरीर में चोट न लगे और अगर ऐसा होता है तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें क्योंकि एक छोटी सी चोट बच्चे के जेंडर पर बुरा असर डाल सकता है. इन सबके अलावा अगर मधुमेह, थायराइड या मिर्गी जैसी किसी भी समस्या से ग्रस्त होने पर इस बारे में डॉक्टर से खुलकर बात करें. हालांकि कभी-कभार सावधानियां बरतने के बावजूद घर में किन्नर बच्चे का जन्म होता है और ऐसा होना जेनेटिक डिसऑर्डर के अन्तर्गत आता है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.