इस गांव में कुत्ते और बिल्ली नहीं, हर घर में पाले जाते हैं कोबरा

महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में शेतफल नाम का एक गांव है, जहां कि परंपरा के बारे में सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे. बता दें कि इस गांव में लोग कुत्ते या बिल्लियों को पालतू जानवर नहीं मानते बल्कि यहां के लोग अपने घरों में कोबरा सांप पालते हैं.

महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में शेतफल नाम का एक गांव है, जहां कि परंपरा के बारे में सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे. बता दें कि इस गांव में लोग कुत्ते या बिल्लियों को पालतू जानवर नहीं मानते बल्कि यहां के लोग अपने घरों में कोबरा सांप पालते हैं.

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Pooja Kumari
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Snakes Village Of India: भारत की संस्कृति और रीति-रिवाज विविधता से भरपूर है. और देश के विभिन्न हिस्सों में अनोखी परंपराओं का संगम देखने को मिलता है. ऐसे में महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में शेतफल नाम का एक गांव है, जहां कि परंपरा के बारे में सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे. बता दें कि इस गांव में लोग कुत्ते या बिल्लियों को पालतू जानवर नहीं मानते बल्कि यहां के लोग अपने घरों में कोबरा सांप पालते हैं और  उन्हें अपने परिवार का अभिन्न हिस्सा मानते हैं.

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इस गांव की अनोखी परंपरा 

जानकारी के मुताबिक शेतफल गांव के इस अनोखी परंपरा के मुताबिक यहां के लोग अपने आंगन में कोबरा सांपों को रखते हैं. यहां के लोगों का मानना है कि ये सांप उनके घर को विशेष प्रकार की ऊर्जा और सकारात्मकता प्रदान करते हैं. यहां कोबरा सांप केवल एक पारंपरिक या धार्मिक प्रतीक नहीं, बल्कि परिवार के एक सदस्य की तरह समझे जाते हैं. लोग इन सांपों की देखभाल और सुरक्षा का विशेष ध्यान रखते हैं और इन्हें नियमित रूप से भोजन और दूध पिलाते हैं. इतना ही नहीं यहां के लोगों का ये भी मानना है कि कोबरा सांप घर में सुख-शांति और समृद्धि लाते हैं. गांव के बुजुर्गों के अनुसार, इन सांपों की उपस्थिति बुरी आत्माओं और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है. इस परंपरा की जड़ें पुराने धार्मिक विश्वासों और पारंपरिक रीति-रिवाजों में फैली हुई हैं, जिन्हें स्थानीय लोग पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ आज भी निभा रहे हैं. 


स्कूलों में दी जाती है इस परंपरा के बारे में शिक्षा

कोबरा सांपों के साथ जीवन जीना निश्चित रूप से जोखिम भरा हो सकता है, लेकिन शेतफल के लोग इस परंपरा को सावधानी और प्रशिक्षण के साथ निभाते हैं. सांपों के आवास को विशेष रूप से डिजाइन किया जाता है ताकि वे सुरक्षित और आरामदायक रहें. गांववासी इन सांपों के व्यवहार को समझते हैं और उनके साथ सुरक्षित तरीके से पेश आते हैं. बता दें कि इस परंपरा के बारे में यहां के स्कूलों में भी शिक्षा दी जाती है.  शेतफल गांव के लोगों का मानना है कि सांप भगवान शिव का प्रतीक हैं, इसलिए वे सांपों की पूजा करते हैं और उन्हें अपना परिवार मानते हैं. 

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