ऐसे तो दुनिया में पैदा होने बंद हो जाएंगे लड़के! आने वाले समय में होगा सिर्फ लड़कियों का जन्म

रिसर्च की मानें तो भविष्य में ज्यादा लड़कियां ही जन्म लेंगी. क्योंकि Y क्रोमोसोम विलुप्त होने के कगार पर पहुंच चुका है. आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से.

रिसर्च की मानें तो भविष्य में ज्यादा लड़कियां ही जन्म लेंगी. क्योंकि Y क्रोमोसोम विलुप्त होने के कगार पर पहुंच चुका है. आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से.

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Neha Singh
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male reproduction

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Y Chromosome: दुनिया में पुरुषों के अस्तित्व पर सकंट मंडरा रहा है. एक रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि आने वाले समय में लड़के पैदा होने बंद हो जाएंगे. सिर्फ लड़कियों का जन्म होगा. संसार में लड़कों की संख्या धीरे-धीरे कम होती जाएगी. रिपोर्ट के अनुसार पुरुष-निर्धारक जीन यानि Y क्रोमोसोम धीरे-धीरे सिकुड़ रहा है. एक समय के बाद ये पूरी तरह से गायब हो सकता है. वाई क्रोमोसोम में कमी का मतलब है एक ऐसी दुनिया जहां केवल लड़कियां ही पैदा होती हैं. जब तक कि कोई नया लिंग-निर्धारण जीन विकसित न हो जाए. 

लड़का होगा या लड़की ऐसे चलता है पता

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किसी भी महिला के गर्भ में पल रहा बच्चा लड़का होगा या लड़की, ये उसके क्रोमोसोम्स से तय होता है. क्रोमोसोम्स को हिंदी में गुणसूत्रों भी कहते हैं. जो वाकई किसी सूत्र की तरह होते हैं. अगर कोख में लड़की है तो उसके क्रोमोसोम्स होंगे एक्स और एक्स और अगर भ्रूण में पल रहा बच्चा लड़का है तो उसके क्रोमोसोम्स होंगे एक्स और वाय. इससे ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब महिला और पुरुष के एक्स क्रोमोसोम्स मिलते हैं तो लड़की का जन्म होता है और एक्स और वाय क्रोमोसोम मिलते हैं तो लड़के का जन्म होता है. 

वैज्ञानिक भी सकते में 

बीते 166 मिलियन वर्ष की बात करें तो वाय क्रोमोसोम से करीब 900-55 सक्रिय जीन खो चुके हैं.  लगभग हर दस लाख साल में इस क्रोमोसोम से 5 जीन कम हो रहे हैं. इस आंकलन के हिसाब से माना जा रहा है कि 11 मिलियन साल में वाय क्रोमोसोम पूरी तरह खत्म हो जाएगा. इस फेक्ट ने वैज्ञानिकों को भी सकते में डाल दिया है.

चूहे पर किया हुआ शोध 

शोधकर्ताओं के अनुसार जापान की मूल निवासी कृंतक प्रजाति स्पाइनी चूहा ने अपने वाई क्रोमोसोम को पूरी तरह से खोने के बाद एक नया नर-निर्धारण जीन विकसित किया है. अध्ययन में पाया गया कि कांटेदार चूहों में अधिकांश Y क्रोमोसोम जीन अन्य क्रोमोसोम में स्थानांतरित हो गए थे.

नया लिंग-निर्धारण जीन 

प्रोफेसर जेनी ग्रेव्स ने कहा कि  यह खोज एक वैकल्पिक संभावना का समर्थन करती है कि मनुष्य एक नया लिंग-निर्धारण जीन विकसित कर सकता है. लेकिन यह अभी भी उतना आसान नहीं हो सकता है. एक नए लिंग-निर्धारण जीन का विकास जोखिम के साथ आता है." उन्होंने कहा, "प्लैटिपस में, XY जोड़ी सिर्फ एक साधारण क्रोमोसोम है जिसमें दो समान सदस्य हैं जो सुझाव देते हैं कि स्तनपायी X और Y बहुत समय पहले क्रोमोसोम की एक सामान्य जोड़ी थे.

रिसर्च रिपोर्ट में हुआ ये खुलासा

वाई क्रोमोसोम का आकार कम होना कोई नई घटना नहीं है. जेनेटिक्स की विशेषज्ञ प्रोफेसर जेनी ग्रेव्स बताती हैं कि  प्लैटिपस में, XY क्रोमोसोम जोड़ी समान सदस्यों वाले सामान्य क्रोमोसोम की तरह दिखाई देती है. ग्रेव्स ने कहा, इससे पता चलता है कि स्तनधारी X और Y बहुत पहले तक क्रोमोसोम की एक सामान्य जोड़ी थे. दो कृंतक वंशों में - पूर्वी यूरोप के मोल वोल और जापान के स्पाइनी चूहे - Y क्रोमोसोम पहले ही खो चुके थे. इन प्रजातियों में, नर और मादा दोनों में X क्रोमोसोम रहता है, लेकिन Y क्रोमोसोम और SRY जीन गायब हो गए हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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