ट्रैवल को लेकर अब लोगों का नजरिया काफी ज्यादा बदल रहा है. अब लोग परिवार या फिर पार्टनर के साथ नहीं बल्कि किसी और इंसान के साथ घूमने जा रहे हैं. अब लोगों को घूमने के लिए परिवार या फिर पार्टनर पर निर्भर होने की जरूरत नहीं हैं. अब लोग उनके साथ घूम रहे हैं जिनके साथ वो अपना आधा से ज्यादा टाइम बिताते हैं. आइए आपको बताते हैं कि किन लोगों के साथ लोग घूमना पसंद कर रहे हैं.
रिपोर्ट में आया सामने
हाल ही में आई थॉमस कुक इंडिया हॉलिडे रिपोर्ट के अनुसार लगभग 28 प्रतिशत भारतीय लोग छुट्टियां अपने ऑफिस के लोगों के साथ जा रहे हैं. यानी की अब फ्रेंडशिप का दायरा मीटिंग रूम से निकलकर ट्रैवल के रूप में पहाड़ों और वादियों तक फैल चुका है. दरअसल, इन लोगों को फ्रॉलीग्स कहते हैं. यह ऐसे कलीग होते हैं जो अब आपके दोस्त बन चुके होते हैं और आपके साथ छुट्टियां भी मानते हैं.
रिलैक्स मिलता है
कई एक्सपर्ट मानते हैं कि ऐसे ट्रिप जहां आप ऑफिस के दोस्तों के साथ जाते हैं. तो उससे आपका ऑफिस कलीग के साथ एक अलग ही इमोशनल कनेक्शन जुड़ता है. साथ ही आपको आराम भी मिलता है ऐसे में न केवल काम के तनाव को कम किया जा सकता है बल्कि आप अपने कलीग को बेहतर तरीके से समझ पाते हैं. वही एक्सपर्ट कहते हैं कि जब काम से बाहर एक रिलैक्स माहौल मिलता है तो आप और आपके कलीग के बीच बातचीत से रिश्ते और ज्यादा गहरे हो जाते हैं.
प्रोफेशनल और पर्सनल रिश्ते
कलीग के साथ ट्रैवल करना अच्छा माना जा रहा है. लेकिन यह रिसर्च चेतावनी भी देती है कि जब प्रोफेशनल और पर्सनल रिश्ते आपस में जुड़ते हैं तो कभी-कभी गलतफहमियां और आपसी मतभेद भी सामने आ सकते हैं. जो बातें ऑफिस में कभी नहीं सामने आती वह ट्रिप पर खुलकर सामने आ सकती हैं. ऐसे में जरूरी है कि ट्रिप पर जाने से पहले ही आप कुछ बातों को क्लियर कर लें. जैसे कि काम की शिकायतों को ट्रिप पर न ले जाएं. सभी को थोड़ा स्पेस दे और दोस्ती को ऑफिस की पॉलिटिक्स से दूर रखें.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.