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World Zoonoses Day 2024 ( Photo Credit : Social Media)
World Zoonoses Day 2024: हर साल 6 जुलाई को दुनिया भर में वर्ल्ड जूनोज डे मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य जूनोटिक बीमारियों के प्रति लोगों को जागरूक करना. जूनोटिक शब्द का इस्तेमाल उन बीमारियों के लिए किया जाता है जो मुख्य रूप से जानवरों से इंसानों में फैलती है. यह बीमारियां वायरस, पैरासाइट्स और फंगस जैसे कीटाणुओं के वजह से होती हैं, जो इंसान को हल्के से लेकर गंभीर बीमारी और मौत का कारण भी बन सकती हैं. इस खास मौके पर आज हम जानेंगे क्या है, जूनोटिक बीमारियों की रोकथाम के दिशा में काम करने वालों के लिए इस दिन का खास महत्व है.
जूनोसिस क्या है
डब्ल्यूएचओ (वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन) के अनुसार, जूनोटिक बीमारी आमतौर पर जानवरों से इंसानों में फैलने वाली बीमारियों को कहा जाता है. ये बीमारियां संक्रामक होती हैं जो इंफेक्टेड जानवरों के सीधे संपर्क में आने से इंसानों में फैलती है. मच्छरों के जरिए भी इस तरह की संक्रामक बीमारियों का फैलाव होता है. रेबीज, एविएन इन्फ्लूएंजा, इबोला और वेस्ट नाइल वायरस जूनोटिक बीमारियों के मुख्य उदाहरण हैं.
विश्व जूनोसिस दिवस का इतिहास
फ्रेंच केमिस्ट और माइक्रोबायोलॉजिस्ट लुई पाश्चर ने 6 जुलाई 1985 को जूनोटिक रोग के खिलाफ पहले टीका का सफल प्रयोग किया था. जूनोटिक बीमारियों को समझने और बचाव के दिशा में यह महत्वपूर्ण उपलब्धि थी. साथ ही इस बीमारी के बारे में लोगों तक जागरूकता फैलाने और जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्व ज़ूनोसिस दिवस मनाने का निर्णय लिया गया.
वर्ल्ड जूनोसिस डे का महत्व
जूनोटिक बीमारियों के प्रति जागरूकता के लिए इस दिन का खास महत्व है. इस बीमारियों से जुड़े खतरों के साथ-साथ बचाव के उपाय संबंधित जानकारियां फैलाई जाती है.
जूनोटिक बीमारी के बचाव
जूनोटिक बीमारी पीड़ित इंसान में हल्की से लेकर गंभीर बीमारी और मौत का कारण तक बन सकती हैं. ऐसे में इस बीमारी से बचाव के लिए जरूरी है कि इन बातों का ध्यान रखा चाहिए. जूनोटिक बीमारियों से बचने के लिए साफ-सफाई का बेहद खास ध्यान रखें. साफ पानी पीएं और खाना पकाने के लिए साफ पानी का ही इस्तेमाल करें. इसके अलावा अपने पालतू जानवरों को साफ सुथरा और रेबीज जैसी वैक्सीन जरूर लगवाएं.
Source : News Nation Bureau