Cold hands in Winter: सर्दियों में क्यों रहते हैं हमेशा हाथ-पैर ठंडे? रिसर्च में सामने आया सही कारण
सर्दियों (Winter Season) शुरू होते ही बहुत से लोगों की हाथ-पैर ठंडे होने की समस्या भी बढ़ जाती है.
नई दिल्ली:
सर्दियां(Winter Season) शुरू होते ही बहुत से लोगों में हाथ-पैर ठंडे होने की समस्या भी बढ़ जाती है. दिक्कत तब आती है जब हाथ-पैर गर्म करने का हर उपाय आजमा लिया जाता है, लेकिन तब भी कोई असर नहीं होता. ऐसे में कई बार जब हाथ-पैर ज्यादा ठंडे (Cold hands in Winter) होते हैं तो वो आगे चलकर सूजन का रूप ले लेते हैं. जिससे लोगों को सर्दियां काटना बहुत भारी पड़ जाता है.आखिर ऐसा क्या है जो हर उपाय करने के बाद भी हाथ-पैर हमेशा ठंडे ही होते हैं. आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से बतायेंगे. दरअसल ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब मौसम का तापमान गिरने लगता है तो लोगों को ठीक मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाता और उन लोगों के साथ ये समस्या ज्यादा आती है, जिन्होंने पोष्टिक आहार सही मात्रा में न लिया हो.
आपको बता दें, मौसम का तापमान गिरने से लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है और ऑक्सीजन सही मात्रा में नहीं मिल पाता. जिसके सीधा असर बॉडी के बल्ड सर्कुलेशन पर पड़ता है और आपके हाथ पैर हमेशा ठंडे ही रहते हैं. खासकर ये समस्या डायबिटीज और एनिमिया के मरीजों में ज्यादा देखने को मिलती है. ऐसे में बहुत जरूरी है कि आप किसी अच्छे डॉक्टर से सलाह लें.
डायबिटीज और एनिमिया
बता दें एनिमिया का अर्थ होता है खून की कमी. हमारे खून का अधिकतर हिस्सा रेड बल्ड सेल्स यानी आरबीसी का होता है. अगर शरीर में खून कम हो तो एनिमिया की समस्या होने की संभावना है, क्योंकि शरीर में रेड बल्ड सेल्स ही हैं जो बल्ड सर्कुलेशन को दुरुस्त रखते हैं. रेड बल्ड सेल्स का कम होना बल्ड फ्लो को धीमा कर देता है, जिससे शरीर में गर्मी हो जाती है. ऐसे में जिनको एनिमिया की समस्या है तो उनके हाथ-पैर हमेशा ठंडे ही होते हैं. रिसर्च के मुताबिक शरीर में ऑयरन और फोलेट के साथ विटामिन बी का कम होना भी इसका एक मुख्य कारण है.
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हाइपोथाइरॉयडिज्म
सर्दियों में हाथ पैर ठंडे होने का एक कारण हाइपोथाइरॉयडिज्म बीमारी का संकेत भी है. हाइपोथाइरॉयडिज्म की अवस्था में शरीर ठीक मात्रा में हार्मोन्स नहीं बना पाता है, जिससे बल्ड सर्कुलेशन धीरे हो जाता है और जाहिर सी बात है तब शरीर में गर्मी कम हो जाती है. ऐसे में हाथ-पैर ठंडे बने रहते हैं, थाइराइड हार्मोन की कमी से दिल की धड़कन पर भी प्रभाव पड़ता है. ऐसे में बहुत जरूरी है कि आप अपना टेस्ट करवाएं.
स्ट्रेस या टेंशन भी एक संकेत
इसकी एक वजह स्ट्रेस या टेंशन भी हो सकती है, अगर आप बहुत ज्यादा टेंशन लेते हैं तो इसका असर आपके शरीर के बल्ड फ्लो पर पड़ता है. तो जब आपका बल्ड फ्लो खराब हो जाता है तो आपकी उंगलियां और अंगूठा हमेशा ठंडे ही रहते हैं.
शरीर की मालिश करें
अब हम आपको बताते हैं, सर्दियों में इस समस्या से कैसे निपटा जाए. शरीर की ज्यादा से ज्यादा मालिश करें,मालिश करने से बल्ड सर्कुलेशन अच्छा होगा और शरीर में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की पहुंच होगी. जिससे हाथ-पैर को गर्महट मिलेगी.
आयरन युक्त आहार लें
निकेटीन से बचें और आयरन और पोष्टिकता से भरपूर आहार लें. आयरन से युक्त आहार आपको एनिमिया से लड़ने में मदद करेंगे.
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