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क्यों मनाया जाता है Christmas Day, क्या है इसके पीछे का इतिहास?

हर साल 25 दिसंबर को पूरी दुनिया में क्रिसमस का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह त्योहार क्यों मनाया जाता है? इस त्योहार को मनाने का कारण क्या है?

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Ravi Prashant
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why is it celebrated Christmas Day

क्रिसमस डे क्यों मनाया जाता है?( Photo Credit : SOCIAL MEDIA)

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क्रिसमस ईसाई धर्म के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है. जिसे ईसा मसीह के जन्म के उत्सव के रूप में मनाया जाता है. यह हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है और पूरी दुनिया में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है. साथ ही यह त्योहार भारत में भी बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. ठीक चार दिन बाद यानी 25 दिसंबर को लोग अपने घरों में क्रिसमस ट्री के साथ नजर आएंगे. क्रिसमस विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं के तहत मनाया जाता है, लेकिन इसका मुख्य उद्देश्य सभी समुदायों के बीच यीशु मसीह के जन्म की सार्वभौमिक खुशी को शेयर करना है. इस दिन लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलते हैं, खानपान करते हैं, गीत गाते हैं और अलग-अलग क्रिसमस संस्कृतियों के अनुसार अनेक तरीके से मनाते हैं.

आखिर क्यों लगाते हैं लोग क्रिसमस ट्री?

क्रिसमस के दिन आपने देखा होगा कि सभी लोग अपने घरों में पेड़-पौधे लगाते हैं. इस दिन क्रिसमस ट्री का बहुत महत्व होता है. पेड़ को लेकर अलग-अलग मान्यताएं हैं. एक मान्यता के अनुसार 16वीं सदी के ईसाई सुधारक मार्टिन लूथर ने एक यात्रा शुरू की थी. 24 दिसंबर की शाम को वह बर्फीले जंगल से गुजर रहे थे, जहां उन्हें एक सदाबहार पेड़ दिखाई दिया. पेड़ की शाखाएँ चाँदनी से चमक रही थीं. इसके बाद मार्टिन लूथर ने अपने घर में एक सदाबहार पेड़ भी लगाया और उसे मोमबत्तियों से सजाया. इसके बाद उन्होंने ईसा मसीह के जन्मदिन के सम्मान में सदाबहार पेड़ को सजाया और पेड़ को मोमबत्ती की रोशनी से जलाया.

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ये भी एक मान्यता है?

इतिहासकारों के मुताबिक, क्रिसमस ट्री से जुड़ी एक कहानी 722 ईस्वी की है. ऐसा माना जाता है कि क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा सबसे पहले जर्मनी में शुरू हुई थी. एक बार जर्मनी के सेंट बोनिफेस को पता चला कि कुछ लोग एक विशाल ओक के पेड़ के नीचे एक बच्चे की बलि देंगे. जैसे ही सेंट बोनिफेस को इस बात का पता चला तो उन्होंने बच्चे को बचाने के लिए ओक के पेड़ को कटवा दिया. इसके बाद उसी बांज के पेड़ की जड़ के पास एक देवदार या चीड़ का पेड़ उग आया. लोग इस पेड़ को चमत्कारी मानने लगे. सेंट बोनिफेस ने लोगों को बताया कि यह एक पवित्र दिव्य वृक्ष है और यह स्वर्ग की ओर इशारा करता है. ऐसा माना जाता है कि तभी से लोग हर साल यीशु के जन्मदिन पर उस पवित्र पेड़ को सजाने लगे.

Source : News Nation Bureau

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