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property in india ( Photo Credit : Social Media )
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अगर आप बैंक लोन से मकान, दुकान या प्लॉट खरीद रहे हैं तो आपको किन बातों का ख्याल रखना चाहिए आइए सब जानते हैं. भारत में प्रॉपर्टी खरीदने के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियम और दस्तावेज हैं जो खरीदार को ध्यान में रखने चाहिए.
property in india ( Photo Credit : Social Media )
Documents required before buying any property: जीवन में घर ज्यादातर लोग एक ही बार खरीदते हैं. घर लेना किसी सपने से कम नहीं होता. ऐसे में घर आपको धोखे से बचना है तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. हम आपको जो जानकारी अब देने जा रहे हैं इसकी मदद से आप प्रोपर्टी खरीदते समय धोखा खाने से बच जाएंगे. आप स्टेप-बाय-स्टेप प्रोपर्टी खरीदते समय इन बातों का ख्याल रखें ताकि किसी तरह के धोखे में ना फंसे. भारत में प्रोपर्टी खरीदने के क्या नियम हैं और अगर आप बैंक लोन से मकान, दुकान या प्लॉट खरीद रहे हैं तो आपको किन बातों का ख्याल रखना चाहिए आइए सब जानते हैं. भारत में प्रॉपर्टी खरीदने के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियम और दस्तावेज हैं जो खरीदार को ध्यान में रखने चाहिए:
खरीदने की स्थिति की जांच:
सबसे पहले, सुनिश्चित करें कि आपकी चयनित स्थिति में प्रॉपर्टी खरीदने के लिए कोई नियमानुसार समस्या नहीं है. स्थानीय शासन एजेंसी और विकास अथॉरिटी की सार्वजनिक जानकारी की जांच करें.
कच्चा मालिकाना पत्र:
खरीदार अगर कोई प्लॉट या ज़मीन खरीद रहा है, तो उसे कच्चा मालीकाना पत्र (Khasra/Mutation) की जांच करनी चाहिए, जिसमें संपत्ति का स्वामित्व और आकार होता है.
बैंक लोन के लिए प्रमाणपत्र:
अगर खरीदार बैंक ऋण का लाभ उठाना चाहता है, तो उसे अपनी आर्थिक स्थिति का प्रमाण पत्र (Income Tax Return, Salary Slip) और अच्छे क्रेडिट स्कोर के साथ बैंक के पास जाना चाहिए.
समझौता पत्र:
समझौता पत्र एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो खरीद और बिक्री की शर्तों को विस्तृत रूप से स्पष्ट करता है.
रजिस्ट्री और खाता खत:
प्रॉपर्टी की खरीद पर एक नोटराइज्ड रजिस्ट्री करवाना अत्यंत महत्वपूर्ण है. इसके साथ ही, खरीदार को अपनी प्रॉपर्टी को स्थानीय संपत्ति खाता खत में भी दर्ज करवाना चाहिए.
प्रॉपर्टी के टैक्स का पता:
खरीदार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रॉपर्टी के सभी कर और चार्ज को सही तरीके से दर्ज किया गया है और उसके पास सभी संबंधित दस्तावेज हैं.
विधानसभा और नगर पालिका की स्वीकृति:
विधानसभा और नगर पालिका की स्वीकृति लेना आवश्यक हो सकता है, खासकर अगर आप किसी नए परियोजना में शामिल हो रहे हैं.
भू-माप, खसरा, और खतौनी:
खरीदार को सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रॉपर्टी के संबंध में उपलब्ध भू-माप, खसरा, और खतौनी दस्तावेज सही हैं.
इन दस्तावेजों की सुरक्षा और विचार से होती है, खरीदार को सुरक्षित और सावधानीपूर्वक प्रॉपर्टी खरीद करने में मदद मिलती है.
इसी तरह की और खबरों के लिए आप न्यूज़ नेशन पर हमारे साथ यूं ही जुड़े रहिए.
Source : News Nation Bureau