Rani Lakshmi Bai Jayanti 2024: झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की जयंती आज, जानिए उनके जीवन से जुड़ी कई बातें जो नहीं जानते होंगे आप!

Rani Lakshmi Bai Jayanti 2024: 19 नवंबर को वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की जयंती मनाया जा रहा है. इस दिन लक्ष्मीबाई की वीरता को नमन किया जाता है. और अंग्रेजों के ख़िलाफ़ उनकी बहादुरी को याद किया जाता है. जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी कई बातें आज भी नहीं जानते होंगे आप.

Rani Lakshmi Bai Jayanti 2024: 19 नवंबर को वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की जयंती मनाया जा रहा है. इस दिन लक्ष्मीबाई की वीरता को नमन किया जाता है. और अंग्रेजों के ख़िलाफ़ उनकी बहादुरी को याद किया जाता है. जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी कई बातें आज भी नहीं जानते होंगे आप.

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Rajvant Prajapati
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Rani Lakshmi Bai Jayanti

Rani Lakshmi Bai Jayanti 2024: हर साल की तरह इस साल भी 19 नवंबर को वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की जयंती मनाया जा रहा है. इस दिन लक्ष्मीबाई की वीरता को नमन किया जाता है. और अंग्रेजों के ख़िलाफ़ उनकी बहादुरी को याद किया जाता है. स्कूल के दिनों से ही हर बच्चे को लक्ष्मी बाई की जीवनी या शौर्य गाथा सुनाई जाने लगती है, जो अपने पति और बेटे को खो देती है. आइए आज लक्ष्मीबाई के जयंती पर जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी कई बातें आज भी नहीं जानते होंगे आप.

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महारानी लक्ष्मीबाई के जीवन के बारे में

वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई का जन्म उत्तर प्रदेश के वाराणसी में 19 नवंबर 1828 में हुआ था. बचपन में उनका नाम मणिकर्णिका था. लेकिन सब उनको प्यार से 'मनु' कहकर बुलाते थे.जब मनु चार वर्ष की थी, तब उनकी मां की मृत्यु हो गई थूी. पिता बिठूर जिले के पेशवा बाजी राव द्वितीय के लिए काम करते थे. उन्होंने लक्ष्मीबाई का पालन-पोषण किया. इस दौरान उन्होंने घुड़सवारी, एरोबेटिक्स, सेल्फ डिफेंस और निशानेबाजी की ट्रेनिंग हासिल की. मात्र 29 वर्ष की उम्र में उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य की सेना से युद्ध किया और युद्ध भूमि में वीरगति प्राप्त की. कहा जाता है कि सिर पर तलवार के वार से लक्ष्मीबाई शहीद हो गईं थी.

महारानी लक्ष्मीबाई के जीवन से जुड़े कुछ खास कोट्स

1. दूर फिरंगी को करने की सबने मन में है ठानी,
चमक उठी सत्तावन में वह तलवार पुरानी थी.
बुंदे ले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी.

2. मातृभूमि के लिए वीरांगना झांसी की रानी ने जान गवाई थी,
अरि दल कांप गया रण में, जब लक्ष्मीबाई आई थी.

3. हर औरत के अंदर है झाँसी की रानी, कुछ विचित्र थी उनकी कहानी.
मातृभूमि के लिए प्राण आहुति देने को ठानी, अंतिम सांस तक लड़ी थी वो मर्दानी झांसी की रानी.

4. वीरांगना लक्ष्मी बाई लड़ी तो, उम्र तेईस में स्वर्ग सिधारी,
तन मन धन सब कुछ दे डाला, अंतरमन से कभी ना हारी.
खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी.

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

      
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