सुबह उठकर करें ये पांच योग, दिनभर रहेंगे तंदरुस्त साथ ही होंगे अनेक फायदे

बाबा रामदेव एक प्रमुख आयुर्वेदिक चिकित्सक और योग गुरु हैं, जिन्होंने भारतीय संस्कृति के प्राचीन विज्ञान और योग को आधुनिक समय के लिए प्रस्तुत किया है.

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Prashant Jha
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करें योग रहे निरोग( Photo Credit : फाइल फोटो)

व्यायाम या योग हमारे शरीर के लिए बहुत ही उपयोगी चीज है. अगर हम नियमित योग और आसन करते हैं तो कई बीमारियों से बच सकते हैं. कहा जाता है कि करो योग रहो निरोग.. भारत की प्राचीन संस्कृति में भी योग और आसन का विशेष महत्व बताया गया है. आज के भागदौड़ भरी जिदंगी में तो योग हमारे जीवन का अहम हिस्सा है. इसलिए आप से भी आग्रह है कि योग के जरिए आप खुद को और अपने आसपास के लोगों को स्वस्थ रख सकते हैं.  इसमें कोई शक नहीं कि स्वामी रामदेव ने भारत में योग का खूब प्रचार प्रसार किया है. बाबा रामदेव एक प्रमुख आयुर्वेदिक चिकित्सक और योग गुरु हैं, जिन्होंने भारतीय संस्कृति के प्राचीन विज्ञान और योग को आधुनिक समय के लिए प्रस्तुत किया है. उन्होंने विश्वभर में स्वस्थ जीवनशैली को प्रमोट करने के लिए अनेक योगासन, प्राणायाम, और आयुर्वेदिक उपचारों को प्रस्तुत किया है. उनके द्वारा विकसित किए गए योगासन और आयुर्वेदिक उपचारों का उपयोग लाखों लोगों ने किया है और उन्हें लाभ प्राप्त किया है. उन्हें योग, प्राणायाम, और आयुर्वेद के माध्यम से जनता के बीमारियों का इलाज करने और स्वस्थ जीवनशैली को प्रमोट करने के लिए "योग गुरु" के रूप में माना जाता है.

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स्वामी रामदेव ने सुबह उठते ही कुछ योगासनों को सुझाया है जो सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं. ये योगासन शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारने, मानसिक चिंताओं को कम करने, और सकारात्मकता को बढ़ाने में मदद करते हैं.

-ताड़ासन (Tadasana): इस आसन के द्वारा शरीर की अच्छी पोस्चर, अच्छा श्वासनली, और स्पाइनल स्ट्रेच की जा सकती है.


-भस्त्रिका प्राणायाम (Bhastrika Pranayama): यह प्राणायाम श्वासनली को सुधारता है, श्वासनली को स्वस्थ बनाए रखता है, और मानसिक शांति प्रदान करता है.


- कपालभाति प्राणायाम (Kapalbhati Pranayama): इस प्राणायाम के जरिए आप अपने पेट, हृदय और मस्तिष्क को बेहतर रख सकते हैं. 

-आलोम-विलोम प्राणायाम (Anulom-Vilom Pranayama): यह प्राणायाम श्वासनली को साफ करने, नसों को मजबूत करने, और मानसिक चंचलता को शांत करने में मदद करता है.


- भुजंगासन (Bhujangasana): इस आसन से कमर की मांसपेशियों को मजबूत किया जा सकता है, पेट को कम किया जा सकता है, और डिस्क की समस्याओं को दूर किया जा सकता है.

- पादहस्तासन (Padahastasana): यह आसन पूरे शरीर को खींचता है, और स्पाइन को संतुलित रखता है, साथ ही अधिक लचीलापन प्रदान करता है.


इन योगासनों का प्रायोजनिक लाभ है कि वे शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारते हैं, मानसिक स्थिति को संतुलित करते हैं, और दिन की शुरुआत में उत्साह और ऊर्जा प्रदान करते हैं. योग को नियमित रूप से अपनाने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है.

Source : News Nation Bureau

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