जानिए क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय योग दिवस? क्या है पूरा इतिहास, जानिए यहां

योग हम सभी के जीवन में महत्वपूर्ण है. आज योग के महत्व को समझते हुए दुनिया ने योग को स्वीकार किया है और दुनिया भर से लोग योग से जुड़ रहे हैं.

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Ravi Prashant
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योग के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए लाभकारी होता हैं. यह एक प्राचीन भारतीय साधना है. हम में से कई लोग खुद को फिट रखने के लिए योग करते हैं. यह सही कहा गया है कि योग न केवल शारीरिक और मानसिक विश्राम प्रदान करता है बल्कि शक्ति और लचीलापन भी विकसित करता है. आपको बता दें कि 21 जून को विश्व भर में विश्व योग दिवस मनाया जाता है. 21 जून 2015 को पहली बार इंटरनेशनल योग दिवस मनाया गया था.

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यह दिन लोगों के स्वास्थ्य पर योग के महत्व और प्रभावों के बारे में जागरूकता के लिए इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है. आप हर दिन योग करते हैं लेकिन आपको पता है कि योग की इतिहास क्या रही है? अगर आप अब तक नहीं जानते हैं तो हम आपको आज लेख के जरिए बताएंगे कि योग की इतिहास क्या है. 

पीएम मोदी ने दुनिया को योग के रास्ते पर चलना बताया
'योग' शब्द संस्कृत से बना है जिसका अर्थ है जुड़ना. योग एक प्राचीन शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास है जो लोगों को शांति, आत्मविश्वास और साहस देता है जिसके माध्यम से वे कई गतिविधियों को बेहतर तरीके से कर सकते हैं. अस्तित्व के हर स्तर पर, यह सद्भाव की स्थिति है. आज दुनिया भर में विभिन्न रूपों में योग का अभ्यास किया जाता है. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को विश्व योग दिवस भी कहा जाता है. पहली बार इसे 21 जून 2015 को मनाया गया.

यह पहल भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग से संबंधित प्रभावशाली भाषण देकर की थी और इसी कारण 21 को जून, इसे "अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस" ​​​​घोषित किया गया था. संयुक्त राज्य अमेरिका में 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने के प्रस्ताव को 11 दिसंबर 2014 को 193 सदस्यों द्वारा अनुमोदित किया गया था. पीएम मोदी खुद योग करते हैं ऐसे में उन्होंने योग को दुनिया के सामने रखा और आज दुनिया ने योग को अपना लिया है. 

योग का इतिहास क्या है?
भारत में योग की शुरुआत वैदिक काल से हुई. यह वर्षों से भारतीयों की जीवनशैली का हिस्सा बना हुआ है. योग भारतीय संस्कृति और सभ्यता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जिसमें मानवता के भौतिक तत्वों और आध्यात्मिक उत्थान दोनों के गुण हैं. यह ज्ञान, कर्म और भक्ति का आदर्श संयोजन है. भारत के लिए महर्षि पतंजलि का योगदान महत्वपूर्ण; उन्होंने योग सूत्र में योग मुद्राओं या अभ्यासों को संहिताबद्ध और व्यवस्थित किया है. महर्षि पंतजलि ने योग से दुनिया को एक नहीं राह दिखाई, जो पूरा विश्व योग को अपना लिया है. 

Source : News Nation Bureau

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