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Happy Birthday Ram Nath Kovind: यूं तय किया राष्ट्रपति तक का सफर, जरूर पढ़ें...

आज पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का जन्मदिन है. इस मौके पर उनके संघर्षों भरे जीवन के बारे में जानें...

Updated on: 01 Oct 2023, 12:25 PM

नई दिल्ली:

देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं. आज 1 अक्टूबर 2023 की तारीख को राष्ट्रपति कोविंद अपनी जिंदगी के 78वें वर्ष में कदम रखने जा रहे हैं. इस मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर उन्हें जन्मदिन की बधाई दी है. पीएम मोदी ने अपने पोस्ट में पूर्व राष्ट्रपति कोविंद को जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए, देश के प्रति उनके समर्पण और राष्ट्र के नाम किए गए तमाम कार्यों को याद किया है...

प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को 78वें जन्मदिन की बधाई देते हुए लिखा- ‘पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी को उनके जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं. उनके अनुकरणीय नेतृत्व और राष्ट्र के प्रति समर्पण ने एक अमिट छाप छोड़ी है. उनकी बुद्धिमत्ता और विनम्रता हमेशा लोगों को प्रभावित करती रही है. उनके लंबे और स्वस्थ जीवन के लिए प्रार्थना करता हूं’

बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का जन्म 1 अक्टूबर, 1945 को उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में परौंख गांव में हुआ था. उन्होंने 25 जुलाई, 2017 को देश के 14वें राष्ट्रपति के तौर पर शपत ली थी. हालांकि एक आम नागरिक से बतौर देश के राष्ट्रपति बनने तक के सफर के बीच, तमाम चुनौतियों और संघर्षों से उनका सामना हुआ, मगर इस मुश्किल डगर पर मजबूती से चलते हुए उन्होंने ये बड़ा फासला तय किया...

संघर्षों की दास्ता...

शायद हम में से ज्यादातर लोग उनके जिंदगी के इस पहलू से अनजाने हैं, इसलिए चलिए आज उनके जन्मदिन के मौके पर बेहद ही संक्षिप्त में उनके संघर्षों से भरे जीवन को जानें...

दरअसल, रामनाथ कोविंद का ज्यादातर बचपन आर्थिक बदहाली में गुजरा. उनके परिवार की माली हालत बहुत खराब थी. बावजूद राष्ट्रपति कोविंद के परिवार के लिए उनकी शिक्षा प्राथमिक्ता थी, लिहाजा उन्हें खूब पढ़ाया-लिखाया गया.

उन्होंने कानपुर में लॉ किया फिर वो दिल्ली आ गए, यहां आईएएस की तैयारी भी की. फिर साल आया 1994, जब उन्हें उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए चुना गया. इसके साथ ही उन्होंने पार्टी और देश की राजनीति में कई महत्वपूर्ण पदों को बखूबी संभाला, तब जाकर कहीं इस लंबे फासले को तय करते हुए, आज देश के सर्वोच्च पद पर विराजे...