Elvish Yadav Snake Venom Case: रेव पार्टी में सांपों का जहर सप्लाई करने के मामले में यूट्यूबर एल्विश यादव से पुलिस पूछताछ जारी है. इस खबर के बाद से ही सांपो का सुर्खियों में है. जहां एक तरफ इस मामले में इसको नशे के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा था. वहीं बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि, असलियत में ये एक मेडिसिन हैं. ऐसे में आज इस खबर में जानेंगे एक ऐसे गांव के बारे में, जो इन जहरीले सांपों की फार्मिंग करता है. यहां हर न सिर्फ सांप को पाला जाता है, बल्कि रोजाना लाखों सांप दुनियाभर में सप्लाई किए जाते हैं...
जरा उस दौर को याद कीजिए, जब दुनियाभर में कोरोना महामारी का कोहराम था, हर तरफ बेतहाशा दर्द और मातम पसरा हुआ था. इसी बीच खबर आई थी कि, ये कोरोना वायरल चीन के लोगों द्वारा खाए जाने वाले चमगादड़ों से फैले वायरल की वजह से हुआ है. हालांकि इस बात कोई पुष्टी नहीं हो सकी, मगर दुनियाभर के प्रेशर के बाद वहां की हुकूमत ने इसपर सख्त एक्शन लिया.
मगर अब ये स्नेक फार्मिंग का मामला भी दोबार चीन से ही आया है, यहां मौजूद शेजियांग प्रांत के जिसिकियाओ गांव में न सिर्फ सांपों को पैदा किया जाता है, बल्कि पाल-पोसकर उनके सप्लाई भी होती है. ये काम इतने बड़े स्तर पर होता है कि, इस गांव को दुनियाभर में स्नेक विलेज के तौर पर पहचाना जाता है.
इलाज होता है...
सांपों का जहर इलाज के भी काम आता है. दरअसल ट्रेडिशनल चाइनीज मेडिसिन में सांपों की स्किन से लेकर उनके तेल और जहर तक के इस्तेमाल से तमाम बीमारियों का इलाज संभव है. ये बिल्कुल वैसा ही है, जैसे हम तमाम बीमारियों को ठीक करने के लिए आयुर्वेद जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल करते हैं. बता दें कि चीन में न सिर्फ सांप, बल्कि कई पशुओं से भी दवा बनाई जाती है.
इतना महंगा होता है सांप का जहर...
मुख्यतौर पर 4 तरह के सांपों की ज्यादा फार्मिंग होती है, इनमें करैत, पिट वाइपर, रैट स्नेक, रैटल स्नेक शामिल हैं. ये पूरी तरह सांप की किस्म पर निर्भर करता है कि, उसकी कीमत कितनी होगी. हालांकि आमतौर पर सांपों के एक ग्राम जहर की कीमत साढ़े 4 सौ डॉलर से लेकर साढ़े 7 सौ डॉलर तक होती है. मगर अलग-अलग देश के मुताबिक कीमतों में भी अतंर आता है.
इन देशों में होती है सप्लाई
बता दें कि इन सांपों को खरीदने में मेरिका, जर्मनी, जापान, साउथ कोरिया और हांगकांग जैसे देश सबसे आगे हैं. गौरतलब है कि ज्यादा सांपों की सप्लाई तस्करी के जरिए की जाती है. क्योंकि कई जगह पर इसके तहत बैन लगा हुआ है.
Source : News Nation Bureau