Cardamom Effect On Health: इलाइची के 'चमत्कारी गुण' कर देंगे हैरान, जानें सेहत से जुड़े फायदे

आयुर्वेद के अनुसार, इलायची त्रिदोष यानी तीनों दोषों को संतुलित करने के लिए अच्छा है, और एक उत्कृष्ट पाचक माना जाता है.

आयुर्वेद के अनुसार, इलायची त्रिदोष यानी तीनों दोषों को संतुलित करने के लिए अच्छा है, और एक उत्कृष्ट पाचक माना जाता है.

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Amita Kumari
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Cardamom Effect On Health( Photo Credit : सोशल मीडिया)

Cardamom Effect On Health: इलाइची भारतीय रसोई का एक अहम हिस्सा है, जिसे गरम मसालों की श्रेणी में डाला जाता है. आम तौर पर मसाले हर्ब होते हैं जो हमारे पाचन को प्रभावित करते हैं. हम इन्हें मसाला इसलिए कहते हैं क्योंकि इनकी प्रकृति गर्म होती है. लेकिन इलाइची के मामले में यह एक अपवाद है. हालांकि एक मसाला होने के नाते, यह हमारी भूख और प्यास (संतृप्ति हार्मोन यानी घ्रेलिन और लेप्टिन) को संतुलित करने में मदद करता हैहार्मोनल असंतुलन, यदि आप ऐसे व्यक्ति हैं जो पर्याप्त पानी (पॉलीडिप्सिया) पीने के बाद भी प्यास महसूस करते हैं, जिन्हें यह समझना मुश्किल होता है कि वे भूखे हैं या नहीं, तो यह मसाला आपके लिए 'जादू की छड़ी' है.

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आयुर्वेद के अनुसार, इलायची त्रिदोष यानी तीनों दोषों को संतुलित करने के लिए अच्छा है, और एक उत्कृष्ट पाचक माना जाता है. इलाइची विशेष रूप से सूजन और आंतों की गैस को कम करने में फायदेमंद होता है. यह पेट और फेफड़ों में कफ को संतुलित करने के लिए उत्‍कृष्‍ट है. यह वात को शांत करने के लिए भी उपयोगी है. सांसों को तरोताजा करने के लिए अक्सर बीजों को चबाया जाता है. एक उत्कृष्ट एंटीऑक्सीडेंट होने के नाते, इसका उपयोग रक्तचाप, अस्थमा, अपच, पेशाब में जलन और कई अन्य विकारों के इलाज में किया जाता है .यह दिल की सेहत लिए अच्छा है. साथ ही, स्वाद और पाचन में सुधार करता है.

इन समस्याओं से दिलाता है छुटकारा:-

-एनोरेक्सिया
-उल्टी करना
-गैस 
-गले में जलन
-सांसों की बदबू 
-पेशाब के दौरान पेट में जलन महसूस होना
-पेट फूलना
-खट्टी डकार
-हिचकी
-अधिक प्यास
-सिर का चक्कर

इलायची के गर्म और विषहरण प्रभाव (detoxification effect) शरीर में अमा यानि कि खराब और बिना पचे हुए खाने की मात्रा को कम करने और स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायता करते हैं.

कैसे करें सेवन?
-इसका एक छोटा सा टुकड़ा आपकी नियमित चाय में इस्तेमाल किया जा सकता है.
-इसका चूर्ण 250-500 मिलीग्राम की मात्रा में घी या शहद के साथ ले सकते हैं.
-सांसों की बदबू की समस्या के लिए इलायची को चबाया जाता है. 
-दस्त के मामलों में इसे मुंह के अंदर रखा जाता है और रस धीरे-धीरे निगल लिया जाता है.

भोजन से 1 घंटे पहले दिन में दो-तीन बार इलायची की चाय पियें और देखें कि यह आपकी शारीरिक भूख को समझने, भोजन के उचित पाचन और हर घंटे पीने के पानी की आवश्यकता को कम करने में आपकी मदद कैसे करती है. इसलिए इलायची वाली चाय पिएं और अपने हार्मोन समस्याओं से छुटकारा पाएं.

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