Atul Subhash Suicide Case Update: हाल ही में बेंगलुरु के AI इंजीनियर अतुल सुभाष ने अपनी पत्नी और ससुराल वालों के अत्याचार से तंग आकर आत्महत्या कर ली. आत्महत्या करने से पहले अतुल सुभाष ने लगभग 80 मिनट का वीडियो बनाकर पोस्ट किया था. इसके अलावा उन्होंने 24 पेज का सुसाइड नोट भी छोड़ा है. अब सोशल मीडिया पर इंजीनियर अतुल सुभाष को न्याय दिलाने की मांग हो रही है. अतुल सुभाष की आत्महत्या ने पुरुषों के प्रति कानून व्यवस्था और समाज का दोहरा रवैया उजागर कर दिया है. इसी कड़ी में आज हम आपको इस लेख में बताएंगे पुरुषों के खिलाफ किस देश में सबसे ज्यादा अत्याचार होते हैं.
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 14 हर भारतीय को सभी अधिकार देता है. लेकिन भारत में कई मामलों में ऐसा नहीं होता है. उदाहरण के लिए, अगर हम कानून व्यवस्था, पुलिस और न्यायपालिका की बात करें तो पुरुषों के समूह में महिलाओं को अधिक महत्व दिया जाता है. और इसके कई साक्ष्य भी हैं. ताजा उदाहरण की बात की जाए तो बेंगलुरु के इंजीनियर अतुल सुभाष इस वक्त देश में चर्चा का सबसे बड़ा मुद्दा बन चुके हैं. महिलाएं भी उनके प्रति अपनी संवेदना जाहिर कर रही हैं.
लेकिन यह स्थिति न्याय व्यवस्था, न्यायिक व्यवस्था और सामाजिक व्यवस्था में हस्तक्षेप की हद तक पुरुषों की असंवेदनशीलता को स्पष्ट करती है. एक शोध के अनुसार, भारत में 52.4% पुरुष अपने जीवन में कभी न कभी घरेलू हिंसा का शिकार होते हैं. इनमें लगभग 49% पुरुष मेंटल हैरसमेंट का शिकार हुए हैं. तो वहीं 6% शारीरिक हिंसा का शिकार हुए हैं.
सामने आएं आंकडे हैरान करने वाले
रिपोर्ट के मुताबिक, इंग्लैंड में घरेलू हिंसा का शिकार हर तीन में से एक पुरुष है. घरेलू दुर्व्यवहार के कुल मामलों में 25% पुरुष पीड़ित पाए जाते हैं. इतना ही नहीं दुनिया की सुपर पावर अमेरिका में भी ये मुद्दा कम नहीं है. अमेरिका में 44% पुरुष अपने जीवन में कभी न कभी घरेलू हिंसा का शिकार होते हैं.
इसके अलावा दुनिया का सबसे खुशहाल देश कहे जाने वाले फिनलैंड में भी पुरुषों पर अत्याचार के मामले देखने को मिलते हैं. फ़िनलैंड में, घरेलू हिंसा के सभी मामलों में से 31% पुरुष पीड़ित पाए गए. भूटान में साल 2023 में 778 मामले सामने आए. इनमें से 69 पुरूष पीड़ित थे.