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Anand Kumar ( Photo Credit : News Nation)
Anand Kumar Birthday: ''कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों''. दुष्यंत कुमार की ये बात सुपर-30 (Super-30) के संस्थापक आनंद कुमार के लिए ही बनी है. आनंद कुमार एक ऐसा नाम जो किसी परिचय का मोहताज नहीं है. आज इंजीनीयरिंग की तैयारी करने वाले सभी कैंडिडेटों के साथ देश में लाखों लोग उनके काम और पढ़ाने के तरीके की सराहना करते हैं. आज 1 जनवरी को आनंद कुमार का जन्मदिन है. आज वो 49 साल के हो गए हैं. आज हम आपकों बताएंगे उनके जीवन की कुछ खास बातें. जो उन्हें बनती है दूसरों से अलग.
जीवन परिचय
सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार का जन्म बिहार की राजधानी पटना में साल 1973 में 1 जनवरी को हुआ था. आज आनंद कुमार 49 साल के हो गए हैं. उनका जीवन काफी कठिनाइयों में बीता. उनके पिता डाक विभाग में पोस्टमास्टर का काम किया करते थे. वहीं माता जी एक हाउसवाइफ थी. आनंद कुमार बचपन से ही बहुत होशियार थे. लेकिन परिवार की आर्थिक तंगी की वजह से उन्होंने सरकारी स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी की. स्कूली शिक्षा पूरी कर वो पटना युनिवर्सिटी से आर्ट्स में स्नातक की डिग्री प्राप्त की. उन्होंने कैंब्रिज युनिवर्सिटी का एडमिशन टेस्ट पास कर लिया था लेकिन पिता की मौत और पैसों की तंगी की वजह से कैंब्रिज में पढ़ाई नहीं कर पाए. इसके बाद उन्होंने घर की जिम्मेदारी उठा ली. वो अपनी माता जी के साथ पापड़ बेचते थे और इसके साथ ही बच्चों को गणित पढ़ाने लगे.
सुपर-30 का नाम
साल 1992 में उन्होंने अपने कोचिंग की स्थापना की और छात्रों को मैथ पढ़ाने लगे. यहां एक ही साल में छात्रों की संख्या 2 से बढ़कर 36 हो गए. बाद में कई गरीब छात्रों ने आनंद कुमार से निवेदन करने लगे कि वो IIT की तैयारी के लिए मंहगी कोचिंग फीस नहीं दे सकते. इसके बाद साल 2002 में आनंद कुमार ने सुपर-30 की स्थापना की. कहा जाता है कि इस सुपर-30 के 480 छात्रों में से 422 छात्र आईआईटी एक्जाम परीक्षा पास कर चुके हैं.
उनके जीवन की उपलब्धियां
आनंद कुमार के काम और समाज के लिए दिए जा रहे योगदान के लिए उन्हें साल 2023 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री के नवाजा. इसके अलावा टाइम मैगजीन ने साल 2010 में सुपर-30 को बेस्ट ऑफ एशिया का खिताब दिया. उसी साल उनको रामानुजन अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया. इसके अलावा छात्रों को फ्री में शिक्षा देने के लिए उनका नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल है. इसके साथ ही साल 2017 में तत्कालीन राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय बाल कल्याण पुरस्कार मिल चुका है. उनके काम की तारीफ कनाडा, जर्मनी और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा कर चुके हैं.
Source : News Nation Bureau