Air India Plane Crash: एयर इंडिया का यात्री विमान बोइंग 737 आज दोपहर गुजरात के अहमदाबाद में क्रैश हो गया. हादसे के बाद आग की ऊंची लपटें उठीं और धुएं का गुबार देखा गया. इस विमान में 242 लोग सवार थे. इस दुर्घटना में कई लोगों के मरने की खबर सामने आ रही है.
कई बार विमान दुर्घटनाएं इतनी भयावह होती हैं कि शव बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो जाते हैं और उनकी पहचान करना बहुत मुश्किल हो जाता है. ऐसे में प्रशासन और विशेषज्ञों की एक टीम सावधानीपूर्वक और वैज्ञानिक तरीके से यह काम करती है. आइये जानते हैं कि विमान दुर्घटना के बाद शवों की पहचान कैसे की जाती है...
सबसे पहले रेस्क्यू टीम पहुंचती है
किसी भी विमान दुर्घटना के तुरंत बाद पुलिस, एनडीआरएफ, मेडिकल और फोरेंसिक टीमें पहुंचती हैं. ये सबसे पहले जीवित लोगों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाते हैं. फिर घटनास्थल पर मौजूद शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जाता है.
डीएनए की जांच होती है
अगर हादसे में शव की हालत इतनी खराब हो कि चेहरे या शरीर से उसकी पहचान न हो पाए, तो डीएनए टेस्ट लिए शव के ऊतक, बाल या हड्डियों से डीएनए सैंपल लिए जाते हैं और उनका मिलान परिवार के किसी भी सदस्य से लिए गए सैंपल से मिलान किया जाता है.
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फिंगरप्रिंट और मेडिकल रिकॉर्ड
दुर्घटना की स्थिति में अगर शरीर का कोई अंग सुरक्षित है, जैसे उंगलियां, तो शव को पहचान के लिए फिंगरप्रिंट लिया जाता है. इसके अलावा, शवों के पुराने मेडिकल रिकॉर्ड जैसे एक्स-रे, डेंटल फाइल या सर्जरी की फाइल से पहचान करने में मदद कर सकते हैं.
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