Rabbit Fever: कोरोना महामारी के बाद अब एक नए बुखार ने तांडव मचाना शुरू कर दिया है.इसका असली नाम तुलारेमिया (tularemia) है. जबकि आम बोलचाल की भाषा में इसे Rabbit Fever कहा जा रहा है. इस जानलेवा बुखार से बच्चों का बदन तप रहा है. 5 से 9 साल के बच्चों पर सबसे ज्यादा इस बुखार का खतरा मंडरा रहा है. यह बहुत ही रेयर डिजीज है. यह बुखार खतरनाक बैक्टीरिया से फैल रहा है. यह इतना घातक है कि इसे टायर 1 सेलेक्ट एजेंट कैटगरी में रखा गया है. हालांकि राहत की खबर यह है कि यह बुखार फिलहाल अमेरिका में फैल रहा है. भारत में अभी इसका कोई केस नहीं मिला है. अमेरिका में रैबिट फीवर से पीड़ित लोगों की संख्या में 56 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. आइए जानते हैं इसके बारे में.
कैसे फैल रहा है रैबिट फीवर?
टीओआई की खबर के मुताबिक रैबिट फीवर ट्यूलरेमिया बैक्टीरिया के कारण हो रहा है. यह बैक्टीरिया जानवरों और मनुष्यों को संक्रमित कर रहा है. यहां तक की खरगोश, जंगली खरगोश और चूहे भी इस बीमारी से प्रभावित हो सकते हैं. इसके साथ ही संक्रमण से दूषित पानी पीने, दूषित एरोसोल्स या कृषि और लैंडस्केपिंग धूल को श्वास में लेने और प्रयोगशाला में संपर्क से भी फैल सकता है.
रैबिट फीवर के लक्षण
रैबिट फीवर होने पर लोगों को हाई ग्रेड का बुखार चढ़ता है. ट्यूलरेमिया के लक्षण और संकेत इस बात पर निर्भर कर सकते हैं कि बैक्टीरिया शरीर में कैसे प्रवेश करता है. इसके कुछ लक्षण ये हैं.
त्वचा पर दिखते घाव
संक्रमित जानवर को छूने के बाद जब किसी को रैबिट फीवर होता है तो सबसे पहले उसकी त्वचा पर घाव दिखने लगते हैं. यह उन जगहों पर हमला करता है जहां बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश करता है.
आंखों में होती जलन और सूजन
रैबिट फीवर होने पर लोगों के आंखों में जलन और सूजन होती है. ऐसा तब होता है जब बैक्टीरिया आंख के माध्यम से प्रवेश करता है.
इसे ऑकुलोग्लैंडुलर कहा जाता है.
गले में खराश या मुंह में घाव
रैबिट फीवर होने पर लोगों के गले में खराश या मुंह में घाव होने लगते हैं. इसके अलावा टॉन्सिलाइटिस और गर्दन में लिम्फ ग्रंथियों की सूजन हो सकती है.
रैबिट फीवर होने से कैसे बचें?
खुद को मक्खियों से दूर रखने की कोशिश करें ताकि वो आपको काट न पाएं.
लंबी आस्तीन और लंबे पैंट पहनकर शरीर को ढकने की कोशिश करें.
घास काटने और अन्य समान गतिविधियों के दौरान मास्क पहनें ताकि बैक्टीरिया को श्वास में लेने के
खरगोशों, मस्क्रेट्स, प्रेरी डॉग्स और अन्य चूहों को संभालते समय दस्ताने पहनें.
मांस को अच्छी तरह से पकाकर ही खाएं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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