तेज प्रताप की इस हरकत के पीछे क्या है गलत पैरेंटिंग? समाज के डर से रिश्ते तोड़ना कितना सही

लालू प्रसाद यादव का परिवार इन दिनों काफी चर्चा में है. हाल ही में लालू प्रसाद यादव ने बेटे तेज प्रताप यादव को अनुष्का यादव के साथ रिश्ते के कारण पार्टी और परिवार से बेदखल कर दिया है.

लालू प्रसाद यादव का परिवार इन दिनों काफी चर्चा में है. हाल ही में लालू प्रसाद यादव ने बेटे तेज प्रताप यादव को अनुष्का यादव के साथ रिश्ते के कारण पार्टी और परिवार से बेदखल कर दिया है.

author-image
Nidhi Sharma
New Update
Relation

Relation Photograph: (Social Media)

लालू प्रसाद यादव ने तेज प्रताप यादव को पार्टी से निकाल दिया है. जिसके बाद कई सवाल खड़े हो रहे है. इसके पीछे की वजह अनुष्का यादव के साथ उनका रिश्ता बताया जा रहा है. दरअसल, तेजप्रताप और अनुष्‍का यादव की तस्‍वीरें और वीड‍ियो सामने आने के बाद ब‍िहार की राजनीति से लेकर लालू यादव पर‍िवार तक, हर जगह उठा-पटक मची हुई है. इस फैसले को जहां लोग सियासी कदम सोच रहे हैं, वहीं इसके पीछे एक और वजह है जो कि एक पिता की अपने बेटे से नाराजगी. जो कि हम कई परिवार में भी देखते हैं. 

Advertisment

 भावनाओं का महत्व

हमारे परिवारों में भावनाओं का काफी महत्व है. हमारे परिवार में सिखाया जाता है कि मां-बाप जो कहेंगे आपको वो मानना है. इसके साथ ही हर रिश्ता संवाद और समझदारी से चलता है और जब भी बच्चे गलती करते है तो मां-बाप उनसे नाराजगी जताते है. ऐसा ही कुछ लालू यादव और तेज प्रताप यादव के बीच हुआ है. 

पैरेंटिंग

इसे कुछ लोग गलत पैरेंटिंग कह रहे हैं तो कुछ सही पैरेंटिंग बता रहे है. सही पैरेंटिंग का मतलब है अपने बच्चों की बात सुनना, उन्हें समझना, और उनके फैसलों में भागीदार बनना, भले ही आप उनसे सहमत न हों. बच्चों से संवाद की बजाय उन्हें परिवार से अलग कर देना, केवल जख्म ही देता है, समाधान नहीं. आज की पीढ़ी यह चाहती है कि मां-बाप उनके दोस्त बनें, उनके जज नहीं. जहां उन्हें सही-गलत बताने वाला साथ चाहिए, वहीं यह भी ज़रूरी है कि मां-बाप अपने बच्चों को अपनी ज़िंदगी के फैसले लेने की आजादी दें.

समाज के डर से रिश्ते टोड़ना कितना सही 

कई बार पारिवारिक फैसले सामाजिक दबाव में लिए जाते हैं—‘लोग क्या कहेंगे’—इस सोच ने ना जाने कितने रिश्तों को तोड़ा है. अगर प्यार और रिश्ते सामाजिक टैग से ज़्यादा भारी हो जाएं, तो वहां संवेदनशीलता मर जाती है और बचती है सिर्फ सख्ती. लालू यादव जैसे बड़े नेता का यह फैसला केवल पारिवारिक नहीं, एक सार्वजनिक संदेश बन जाता है. और यही बात इसे और भी तकलीफदेह बना देती है. एक रिश्ते को चलाना जितना कठिन है, उतना ही सरल है उसे तोड़ देना. लेकिन क्या यह तोड़ने की प्रक्रिया वाकई समाधान देती है? जब परिवार में संवाद बंद हो जाए, तब कोई भी रिश्ता नहीं टिकता—ना राजनीति में, ना निजी जीवन में.

 

Tej pratap yadav parenting tips relationship Lalu Prasad best parenting tips Anushka Yadav anushka yadav tej pratap yadav anushka yadav tej pratap girlfriend Tej Pratap Yadav Love Story
      
Advertisment